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मैं शिव का हूँ शिव मेरे है,
मैं और क्या मांगू शंकर से,
मेरे मन में उनके डेरे है,
मैं और क्या मांगू शंकर से,
मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं,
मैं और क्या मांगू शंकर से ॥
मैंने बहुत बार खायी ठोकर,
गिरते को संभाला है उसने,
औकात मेरी से ऊपर ही,
कितना कुछ दे डाला उसने,
मेरे पार लगाये बेड़े है,
हर वक़्त वो नेढ़े नेढ़े है,
मेरे दिन बाबा ने फेरे है,
मैं और क्या मांगू शंकर से,
मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं,
मैं और क्या मांगू शंकर से ॥
मैं जबसे शिव का भक्त हुआ,
मेरे दिल से विदा हुई नफरत,
पशु पक्षियों से भी प्रेम हुआ,
मासूम सी हो गई है फितरत,
सब चेहरे उसके चेहरे है,
उसके ही अँधेरे सवेरे है,
शिव प्रेम ही मुझको घेरे है,
मैं और क्या मांगू शंकर से,
मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं,
मैं और क्या मांगू शंकर से ॥
भोले ने दिया है ये जीवन,
भोले के नाम पे है जीवन,
‘रविराज’ के दिल में है शंकर,
ऐसे ही नहीं चलती धड़कन,
हर सांस पे उनके पहरे है,
सब रस्ते उनपे ठहरे है,
मेरे सब दिन रात सुनहरे है,
मैं और क्या मांगू शंकर से,
मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं,
मैं और क्या मांगू शंकर से ॥
मैं शिव का हूँ शिव मेरे है,
मैं और क्या मांगू शंकर से,
मेरे मन में उनके डेरे है,
मैं और क्या मांगू शंकर से,
मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं,
मैं और क्या मांगू शंकर से ॥
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