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मेरो कान्हा गुलाब को फूल (Mero Kanha Gulab Ko Phool)

मेरो कान्हा गुलाब को फूल (Mero Kanha Gulab Ko Phool)

मेरो कान्हा गुलाब को फूल,

किशोरी मेरी कुसुम कली ॥

मेरो कान्हा गुलाब को फूल,

किशोरी मेरी कुसुम कली ॥


कान्हा मेरो नन्द जू को छौना

राधे मेरी बृषभानु लली

किशोरी मेरी कुसुम कली ।


मेरो कान्हा गुलाब को फूल,

किशोरी मेरी कुसुम कली ॥


कान्हा मांगे माखन लौना

राधे भावे मिश्री की डली

किशोरी मेरी कुसुम कली ।


मेरो कान्हा गुलाब को फूल,

किशोरी मेरी कुसुम कली ॥


कान्हा खेले नन्द जो के अंगना

राधे खेले रंगीली गली

किशोरी मेरी कुसुम कली ।


मेरो कान्हा गुलाब को फूल,

किशोरी मेरी कुसुम कली ॥


ब्रिज निधि दर्शन की प्यासी

वो तो भटके गली गली

किशोरी मेरी कुसुम कली ।


मेरो कान्हा गुलाब को फूल,

किशोरी मेरी कुसुम कली ॥

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पौष माह में करें ये उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का दसवां महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार, इस साल पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो चुकी है।

कब है रुक्मिणी अष्टमी?

हिंदू धर्म में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी को समर्पित है, जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रुक्मिणी अष्टमी पर ही द्वापर युग में विदर्भ के महाराज भीष्मक के यहां देवी रुक्मिणी जन्मी थीं।

पौष माह में क्या करें और क्या नहीं

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का 10 वां, महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार इस साल पौष माह 16 दिसंबर से प्रारंभ हो चुकी है।

पौष मास की महिमा एवं महत्व

हिंदू पंचांग में दसवें माह को पौष कहते हैं। इस बार पौष मास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो गई है जो 13 जनवरी तक रहेगी। इस मास में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है।

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