ओ पवन पुत्र हनुमान राम के, परम भक्त कहलाए (O Pawan Putra Hanuman Ram Ke Param Bhakt Kahlaye)

ओ पवन पुत्र हनुमान राम के,

परम भक्त कहलाए,

तेरी महिमा सब जग गाए,

तेरी महिमा सब जग गाए ॥


है बालपने की बात तुम्ही ने,

रवि को मुख में दबाया,

हनुमान -२, हनुमान -२,

है बालपने की बात तुम्ही ने,

रवि को मुख में दबाया,

दुनिया में हाहाकार मचा,

जब घोर अँधेरा छाया,

जब घोर अँधेरा छाया,

ब्रम्हा ने वज्र प्रहार किया,

तबसे हनुमान कहाए,

तेरी महिमा सब जग गाए,

तेरी महिमा सब जग गाए ॥


वानर राजा सुग्रीव को,

पम्पापुर का राज्य दिलाया,

हनुमान -२, हनुमान -२,

वानर राजा सुग्रीव को,

पम्पापुर का राज्य दिलाया,

सीता जी की सुधि लाने का,

बीड़ा तुमने ही उठाया,

बीड़ा तुमने ही उठाया,

श्री राम को से मुद्रिका लेकर के,

लंका को चले हर्षाए,

तेरी महिमा सब जग गाए,

तेरी महिमा सब जग गाए ॥


करके समुन्दर पार विभीषण,

को बंधन से छुड़ाया,

हनुमान -२, हनुमान -२,

करके समुन्दर पार विभीषण,

को बंधन से छुड़ाया,

अशोक वाटिका में जाकर,

माँ को सन्देश सुनाया,

माँ को सन्देश सुनाया,

सुनकर सन्देश सिया जी के,

नैनो में आंसू आए,

तेरी महिमा सब जग गाए,

तेरी महिमा सब जग गाए ॥


फल खाने की आज्ञा लेकर,

रावण का बाग़ उजाड़ा,

हनुमान -२, हनुमान -२,

फल खाने की आज्ञा लेकर,

रावण का बाग़ उजाड़ा,

फल खाए पेड़ उखाड़ दिए,

और अक्षयकुमार को मारा,

और अक्षयकुमार को मारा,

तुम्हे मेघनाद ने छल से बांध,

रावण के सामने लाए,

तेरी महिमा सब जग गाए,

तेरी महिमा सब जग गाए ॥


रावण की आज्ञा से दानव ने,

पूछ में आग लगाई,

हनुमान -२, हनुमान -२,

रावण की आज्ञा से दानव ने,

पूछ में आग लगाई,

सियाराम चंद्र की जय कहकर,

सोने की लंका जलाई,

सोने की लंका जलाई,

सीता जी से आज्ञा लेकर,

फिर रामादल में आए,

तेरी महिमा सब जग गाए,

तेरी महिमा सब जग गाए ॥


चरणों में शीश नवाकर के,

प्रभु को सन्देश सुनाया,

हनुमान -२, हनुमान -२,

चरणों में शीश नवाकर के,

प्रभु को सन्देश सुनाया,

सुनकर के व्यथा सीता माँ की,

नैनो में नीर भर आया,

नैनो में नीर भर आया,

ओ राम दूत बलवान तुम्हारी,

महिमा वरणी ना जाए,

तेरी महिमा सब जग गाए,

तेरी महिमा सब जग गाए ॥


शक्ति लागि जब लक्ष्मण को,

तुमने ही प्राण बचाए,

हनुमान -२, हनुमान -२,

शक्ति लागि जब लक्ष्मण को,

तुमने ही प्राण बचाए,

अहिरावण के बंधन से,

राम लखन को छुड़ाकर लाए,

दोनों को छुड़ाकर लाए,

महावीर तुम्हारे चरणों में,

‘ताराचंद’ शीश नवाए,

तेरी महिमा सब जग गाए,

तेरी महिमा सब जग गाए ॥


ओ पवन पुत्र हनुमान राम के,

परम भक्त कहलाए,

तेरी महिमा सब जग गाए,

तेरी महिमा सब जग गाए ॥

........................................................................................................
मेरी लाज बचा लो(Meri Laaj Bacha Lo)

कन्हैया आजा, आजा बंसी बजैया
हारे के साथी कहाते हो श्याम

शिव शंकर डमरू धारी, है जग के आधार (Shiv Shankar Damru Dhari Hai Jag Ke Aadhar)

शिव शंकर डमरू धारी,
है जग के आधार,

इतनी किरपा कीजिये, सालासर हनुमान(Itni Kripa Kijiye Salasar Hanuman)

इतनी किरपा कीजिये
सालासर हनुमान,

महाशिवरात्रि व्रत कथा प्रारम्भ (Mahashivratri Vrat Katha Prarambh)

भगवान शिव की महिमा सुनकर एक बार ऋषियों ने सूत जी से कहा- हे सूत जी आपकी अमृतमयी वाणी और आशुतोष भगवान शिव की महिमा सुनकर तो हम परम आनन्दित हुए।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।