राम भजन - श्री रामजी पधारे (Ram Bhajan - Shri Ramji Padhare)

जय सिया राम

हे ! हे !...

रामजी पधारे, श्री रामजी पधारे

रामजी पधारे, श्री रामजी पधारे

हे ! देखो अवध नगरीय में रामजी पधारे

हे ! देखो सुन्दर नगरीय में रामजी पधारे

हाँ ! देखो अयोध्या नगरीय में रामजी पधारे


नाचो गाओ सब मंगल गावो

जय श्री राम का नारा लगावो

हाँ देखो, हाँ देखो, हाँ देखो

मोहनी मूरतिया, रामजी पधारे


राम जी के संग में विराजें सीता मई

सीता राम संग में लक्ष्मण भाई

सेवा में सेवामे हनुमन गोसाईं

रामजी पधारे, श्री रामजी पधारे


ब्रह्म जी ने वेद गाये

नारदजी की वीणा बोले

डमा के डम-डम, डमा के डम-डम

शिवजी का डमरू बाजे

हाँ बाजे, हाँ बाजे, श्याम की मुरलिया

रामजी पधारे, श्री रामजी पधारे


रामजी पधारे, श्री रामजी पधारे

रामजी, मेरे रामजी

रामजी पधारे, श्री रामजी पधारे


देखो अयोध्या नगरीय में रामजी पधारे

देखो अवध नगरीय में रामजी पधारे

देखो सुन्दर नगरीय में रामजी पधारे

देखो अयोध्या नगरीय में रामजी पधारे


जय सिया राम !

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आश्विन मास शुक्ल पक्ष की पापांकुशा एकादशी (Ashvin Maas Shukla Paksh Ki Paapaankusha Ekaadashi)

युधिष्ठिर ने फिर पूछा-जनार्दन ! अब आप कृपा कर आश्विन शुक्ल एकादशी का नाम और माहात्म्य मुझे सुनाइये। भगवान् कृष्ण बोले राजन् !

होली पर गुजिया क्यों बनाई जाती है

हर घर में होली के मौके पर गुजिया बनाई और खाई जाती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि होली पर गुजिया बनाने की परंपरा क्यों है? इसके पीछे एक दिलचस्प पौराणिक कथा और ऐतिहासिक महत्व छिपा हुआ है। तो आइए जानते हैं कि होली पर गुजिया क्यों बनाई जाती है और इसके पीछे की कहानियां क्या हैं।

मैं सहारे तेरे, श्याम प्यारे मेरे (Main Sahare Tere, Shyam Pyare Mere)

मैं सहारे तेरे,
श्याम प्यारे मेरे,

भजमन शंकर भोलेनाथ - भजन (Bhajman Shankar Bholenath)

भजमन शंकर भोलेनाथ,
डमरू मधुर बजाने वाले,

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