तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया(Teri Surat Pe Jaun Balihari Rasiya)

तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥


तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥


ओड़ के आई मैं तो लाल चुनारिया,

मटकी उठा के मैं तो, बन गयी गुजरिया ।

मैं तो कर आई सोला श्रृंगार रसिया,

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥


तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥


तेरे पीछे मैं तो आई हूँ अकेली,

बड़े गोप की नयी नवेली।

आई हूँ करने मनोहार रसिया,

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥


तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥


जब से लगी है तेरी लगनवा,

बिसर गयो मोहे घर आंगनवा ।

मैं तो छोड़ आई सारा संसार रसिया,

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥


तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया

मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥


------- भजन को कुछ भक्ति इस रूप मे भी गाते हैं -------

तेरी बंसी पे जाऊं बलिहार रसिया,

मैं तो नाचूंगी बीच बाजार रसिया।

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शुक्रवार व्रत कथा

हिंदू धर्म में शुक्रवार के दिन मां संतोषी और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि शुक्रवार को माता संतोषी और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है और माता रानी अपने भक्तों को सभी कष्टों से बचाती हैं।

कीर्तन रचो है म्हारे आंगने(Kirtan Racho Hai Mhare Angane)

कीर्तन रचो है म्हारे आंगने,
आओ-आओ गौरा जी रा लाल,

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जिसके जीवन मैं मिला सत्संग हैं,
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हे गणनायक जय सुखदायक (Hey Gananayak Jai Sukhdayak)

हे गणनायक जय सुखदायक,
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