Guruwar Vrat Niyam: गुरुवार का रखते हैं व्रत तो न करें नियमों से जुड़ी ये भूल, भगवान विष्णु की इस सही विधि से करें पूजा
SD - गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही संकटों को दूर करने के लिए व्रत भी किया जाता है लेकिन व्रत से जुड़े नियम का पालन जरूर करना चाहिए।
Intro - हिंदू धर्म में गुरुवार के दिन भक्त भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही उन्हें पंचामृत, तुलसी, फल और पीली मिठाइयों का भोग लगाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि सच्चे मन से विष्णु जी की पूजा करने से जीवन में आ रहे दुख और संकट से छुटकारा मिलता है। साथ ही उनकी कृपा से बिगड़े काम पूरे होते हैं। ऐसे में अगर आप भी गुरुवार व्रत कर रहे हैं, तो व्रत से जुड़े नियम का पालन जरूर करें। मान्यता है कि इन नियमों का पालन न करने से साधक को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही हनुमान जी नाराज हो सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं गुरुवार व्रत की पूजा विधि और नियम।
कब से शुरू करें गुरुवार का व्रत?
ज्योतिष के अनुसार, कभी भी गुरुवार का व्रत पौष महीने से शुरू नहीं करना चाहिए। गुरुवार का व्रत शुरू करने के लिए अनुराधा नक्षत्र और महीने के शुक्ल पक्ष की तिथि शुभ मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि यह व्रत रखने से भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की कृपा बरसती है।
कितने गुरुवार का व्रत करना चाहिए?
ज्योतिष के अनुसार, 16 गुरुवार का व्रत रखना शुभ माना जाता है। आप चाहें तो 1, 3, 4, 7 साल तक भी रख सकते हैं। इसके अलावा आप 5, 11, 21, 51, 101 आदि दिनों तक भी उपवास रख सकते हैं। अगर आप पहली बार गुरुवार का व्रत रखने जा रहे हैं तो आने वाले
गुरुवार को पुष्य नक्षत्र में व्रत शुरू करना शुभ माना जाता है।
गुरुवार व्रत पूजा विधि
- अगर आप भी गुरुवार का व्रत रखने वाले हैं इसके लिए आपको हल्दी, गुड़, दाल, एक केला और भगवान विष्णु की तस्वीर की जरूरत पड़ेगी। इस दिन आपको केले के पेड़ की भी पूजा अवश्य करनी चाहिए।
- गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। उसके बाद साफ वस्त्र धारण करें। फिर भगवान विष्णु की तस्वीर या फिर उनकी मूर्ति को स्नान कराकर जल और हल्दी से साफ करें।
- स्नान के बाद एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और फिर उस पर भगवान विष्णु प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद भगवान को पीले चावल अर्पित करें।
- भगवान के सामने घी का दीपक जलाएं। उन्हें पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। पूजा के दौरान मंत्रों और श्लोकों का जाप करें और गुरुवार व्रत कथा का पाठ करें।
- इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ माना जाता है। इस बात का खास ध्यान रखें कि आप जिस दिन से भी व्रत शुरू कर रहें हैं उस गुरुवार को बालों में शैम्पू न करें। साथ ही, नमक वाले भोजन से परहेज करें।
- इस दिन केले के पेड़ की पूजा करें और उसके समीप घी का दीपक जलाएं। इसके साथ ही केले के पेड़ पर हल्दी, चावल और चना दाल अर्पित करें।
- अगर आप भगवान विष्णु की कृपा पाना चाहते हैं तो इस दिन उनके मंत्रों का जाप जरूर करें। इसके साथ ही इस दिन जरूरतमंद लोगों को पीले रंग के वस्त्र का दान अवश्य करें।
बृहस्पति देव के मंत्र
- ॐ बृं बृहस्पतये नमः
- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः
- देवानाम च ऋषिणाम च गुरुं कांचन सन्निभम। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
गुरुवार व्रत के नियम
- अगर आप गुरुवार व्रत कर रहे हैं, तो व्रत में शाम के समय भोजन करें। इस बात का खास ध्यान रखें कि भोजन सात्विक होना चाहिए। इसके अलावा इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें। गुरुवार व्रत में काले रंग के कपड़े न पहनें। इस दिन पीला रंग के कपड़े पहनना उत्तम माना जाता है।
- गुरुवार के दिन गाय को रोटी खिलाना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन गाय को रोटी और गुड़ खिलाने से सभी कष्ट दूर होते हैं।
- इस बात का खास ध्यान रखें कि गुरुवार व्रत में उड़द की दाल और चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इस दिन भगवान विष्णु को गुड़, पीला कपड़ा, चने की दाल और केला अर्पित करने के बाद इन चीजों को किसी जरूरतमंद को दान कर देना चाहिए।
उलट पलट कर दी लंका,
वीर बलवान जी,
पटना के घाट पर,
हमहु अरगिया देब,
पवन पुत्र हनुमान तुम्हारी,
अजब अनोखी माया है,
पहले ध्यान श्री गणेश का,
मोदक भोग लगाओ,