छठ पूजा: पटना के घाट पर (Patna Ke Ghat Par Chhath)

पटना के घाट पर,

हमहु अरगिया देब,

हे छठी मइया,

पटना के घाट पर,

हमहु अरगिया देब,

हे छठी मइया,

हम ना जाइब दूसर घाट,

देखब ऐ छठी मइया,

हम ना जाइब दूसर घाट,

देखब ऐ छठी मइया ॥


सूप लेले ठाड़ बाड़े,

डोम डोमिनिया,

देखब ऐ छठी मैया,

ओरि सुपे अरग देवाइब,

देखब हे छठी मइया ॥


फूल लेले ठाड़ बाड़े,

मलिन मलिनिया,

देखब हे छठी मइया,

ओहि फुले हारवा गोथाइब,

देखब हे छठी मइया ॥


केला सेब नरियल किने,

गइनी हम बजरिया,

देखब हे छठी मइया,

ओहि जगह होता देरिया,

देखब हे छठी मइया ॥


भूल चूक हमरी मइया,

राखब धिआनिया,

देखब हे छठी मइया,

हमरो अरगिया देहब मान,

देखब हे छठी मइया ॥


पटना के घाट पर,

हमहु अरगिया देब,

हे छठी मइया,

हम ना जाइब दूसर घाट,

देखब ऐ छठी मइया ॥


हम ना जाइब दूसर घाट,

देखब ऐ छठी मइया ॥


हम ना जाइब दूसर घाट,

देखब ऐ छठी मइया ॥


हम ना जाइब दूसर घाट,

देखब ऐ छठी मइया ॥

........................................................................................................
मन नो मोरलियो रटे(Man No Moraliyo Rate )

मन नो मोरलियो,
रटे तारु नाम,

ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार (Na Mann Hun Na Buddhi Na Chit Ahankar)

ना मन हूँ, ना बुद्धि, ना चित अहंकार
ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार

अहोई अष्टमी का महत्व और मुहूर्त

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। यह व्रत माताओं के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस दिन माताएं अपने पुत्रों की कुशलता और उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए निर्जला व्रत करती हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।