पटना के घाट पर,
हमहु अरगिया देब,
हे छठी मइया,
पटना के घाट पर,
हमहु अरगिया देब,
हे छठी मइया,
हम ना जाइब दूसर घाट,
देखब ऐ छठी मइया,
हम ना जाइब दूसर घाट,
देखब ऐ छठी मइया ॥
सूप लेले ठाड़ बाड़े,
डोम डोमिनिया,
देखब ऐ छठी मैया,
ओरि सुपे अरग देवाइब,
देखब हे छठी मइया ॥
फूल लेले ठाड़ बाड़े,
मलिन मलिनिया,
देखब हे छठी मइया,
ओहि फुले हारवा गोथाइब,
देखब हे छठी मइया ॥
केला सेब नरियल किने,
गइनी हम बजरिया,
देखब हे छठी मइया,
ओहि जगह होता देरिया,
देखब हे छठी मइया ॥
भूल चूक हमरी मइया,
राखब धिआनिया,
देखब हे छठी मइया,
हमरो अरगिया देहब मान,
देखब हे छठी मइया ॥
पटना के घाट पर,
हमहु अरगिया देब,
हे छठी मइया,
हम ना जाइब दूसर घाट,
देखब ऐ छठी मइया ॥
हम ना जाइब दूसर घाट,
देखब ऐ छठी मइया ॥
हम ना जाइब दूसर घाट,
देखब ऐ छठी मइया ॥
हम ना जाइब दूसर घाट,
देखब ऐ छठी मइया ॥
यदि आप जून 2025 में कर्णवेध संस्कार या कान छेदन करने का प्लान बना रहे हैं, तो जून महीने में कुल 9 शुभ मुहूर्त हैं। इन शुभ मुहूर्तों को ध्यान में रखकर आपका संस्कार सफल और शुभ होगा।
उपनयन संस्कार, जिसे जनेऊ संस्कार भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के सोलह संस्कारों में से एक अत्यंत पवित्र और आवश्यक संस्कार है। यह संस्कार बालक के जीवन में धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान की शुरुआत का प्रतीक होता है।
हिंदू धर्म में सोलह संस्कारों को जीवन के हर महत्वपूर्ण पड़ाव की आध्यात्मिक नींव माना गया है। इनमें से एक है अन्नप्राशन संस्कार, जो शिशु को पहली बार अन्न (ठोस भोजन) देने का विशेष अवसर होता है।
आज 1 जून 2025 है और दिन रविवार। अगर आप ये जानना चाहते हैं कि आज का दिन आपके लिए कैसा रहेगा, तो अंक ज्योतिष आपके लिए कुछ संकेत लेकर आया है।