छठ पूजा: पटना के घाट पर (Patna Ke Ghat Par Chhath)

पटना के घाट पर,

हमहु अरगिया देब,

हे छठी मइया,

पटना के घाट पर,

हमहु अरगिया देब,

हे छठी मइया,

हम ना जाइब दूसर घाट,

देखब ऐ छठी मइया,

हम ना जाइब दूसर घाट,

देखब ऐ छठी मइया ॥


सूप लेले ठाड़ बाड़े,

डोम डोमिनिया,

देखब ऐ छठी मैया,

ओरि सुपे अरग देवाइब,

देखब हे छठी मइया ॥


फूल लेले ठाड़ बाड़े,

मलिन मलिनिया,

देखब हे छठी मइया,

ओहि फुले हारवा गोथाइब,

देखब हे छठी मइया ॥


केला सेब नरियल किने,

गइनी हम बजरिया,

देखब हे छठी मइया,

ओहि जगह होता देरिया,

देखब हे छठी मइया ॥


भूल चूक हमरी मइया,

राखब धिआनिया,

देखब हे छठी मइया,

हमरो अरगिया देहब मान,

देखब हे छठी मइया ॥


पटना के घाट पर,

हमहु अरगिया देब,

हे छठी मइया,

हम ना जाइब दूसर घाट,

देखब ऐ छठी मइया ॥


हम ना जाइब दूसर घाट,

देखब ऐ छठी मइया ॥


हम ना जाइब दूसर घाट,

देखब ऐ छठी मइया ॥


हम ना जाइब दूसर घाट,

देखब ऐ छठी मइया ॥

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सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को (Suraj Ki Garmi Se Jalte Hue Tan Ko)

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया,
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥

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