श्री दिगंबर जैन शांतिनाथ गोल्डन टेंपल ना केवल जैन धर्मावलंबियों के लिए, बल्कि हर श्रद्धालु के लिए आध्यात्मिकता और शांति का प्रतीक माना जाता है। इसकी भव्यता और अद्वितीयता इसे दिल्ली के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से भी एक बनाती है। यह मंदिर धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है। इसका निर्माण जैन समाज के महत्वपूर्ण संत 108 उपाध्याय श्री गुप्तिसागर जी महाराज की प्रेरणा और मार्गदर्शन में किया गया था। तो आइए, इस आर्टिकल में देश के एकमात्र जैन गोल्डन टेंपल के बारे में विस्तार से जानते हैं।
यह भव्य मंदिर 5 तल वाला है, जिसमें प्रत्येक तल पर अलग-अलग उपयोग और आध्यात्मिक कार्यों के लिए संरचनाएं हैं। भूतल पर संत निवास है, जो साधु-संतों के रहने के लिए समर्पित है। प्रथम तल पर स्वाध्याय कक्ष है, जहां धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन और सत्संग होता है। द्वितीय तल पर मुख्य मंदिर स्थित है, जो अत्यंत सुंदर और भव्य है। इसकी स्थापना 31 मई 2009 को की गई थी। मंदिर की देख-रेख श्री दिगंबर जैन मंदिर सभा द्वारा किया जाता है। इसके उद्घाटन महायोगी उपाध्याय श्री 108 गुप्ति सागर जी मुनिराज द्वारा किया गया था। यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान शांतिनाथ जी को समर्पित है। बता दें कि नई दिल्ली के रोहिणी में स्थित यह जैन गोल्डन टेंपल, एक भव्य और दिव्य मंदिर है।
मुख्य मंदिर में तीन वेदियां हैं, जिनमें मूलनायक प्रतिमा भगवान शांतिनाथ जी की है। उनके दोनों ओर भगवान कुंथुनाथ जी और भगवान अरहनाथ जी की मनमोहक मूर्तियां स्थित हैं। इसके अतिरिक्त, भगवान ऋषभदेव और भगवान पार्श्वनाथ की वेदियां भी हैं। सबसे ऊपर के तल पर चौबीसी और मंदिर के सुनहरे शिखर स्थित हैं। यह इसकी भव्यता को और भी अधिक बढ़ाते हैं। मंदिर का शांत और सौम्य वातावरण साधना और ध्यान के लिए आदर्श है।
मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कई बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इनमें प्रसाद वितरण, वाटर कूलर, सत्संग हॉल, पावर बैकअप, सीसीटीवी सुरक्षा, जूता स्टोर और एक कार्यालय शामिल हैं। इन सुविधाओं का उद्देश्य दर्शनार्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें आरामदायक अनुभव प्रदान करना है।
इस मंदिर में पहुंचने हेतु सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन रोहिणी (रेड लाइन) है। जबकि, नजदीकी बस स्टैंड आईएसबीटी है। वहीं, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन उतरकर भी यहां पहुंचा जा सकता है।
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई,
रंग बरसे देखो रंग बरसे,
रंग बरसे देखो रंग बरसे,
पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहार ।
पकड़ लो हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे,