गणेश जयंती पूजा विधि

Ganesh Jayanti 2025: गणेश जयंती पर इस प्रकार करें भगवान गणेश जी की पूजा, प्रसन्न होंगे भगवान  


सनातन हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान गणेश जी का जन्म माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इसे श्रीगणेश के अवतरण-दिवस के रूप में मनाया जाता है। पूरे भारत में इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है। इसे माघ विनायक चतुर्थी और वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। तो आइए, इस आर्टिकल में गणपति बप्पा की पूजा अर्चना और इसकी विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं। 


कब है गणेश जयंती?


पंचांग कैलेंडर की मानें तो इस बार गणेश जयंती 1 फरवरी को है। इस दिन यह 11 बजकर 38 मिनट से शुरू होगी और यह 2 फरवरी तक रहेगा। यानी कि गणेश जयंती 2 फरवरी को 9 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। इस कारण उदयातिथि के अनुसार, गणेश जयंती 1 फरवरी को ही मनाई जाएगी। 


जानिए गणेश जयंती पूजा की विधि


  • गणेश जयंती पर पूजा के लिए विशेष रूप से विधिपूर्वक रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है। 
  • गणेश जयंती के दिन की शुरुआत स्नान-ध्यान, पवित्रता एवं शुद्धता के साथ करनी चाहिए। 
  • इसके बाद घर में स्वच्छता का ध्यान रखते हुए भगवान गणेश की प्रतिमा को संकंपित स्थान पर स्थापित कर लें। 
  • यदि प्रतिमा को घर में स्थापित किया जा रहा है, तो ध्यान रखें कि वह स्वच्छ, हवादार और शांतिपूर्ण स्थान पर हो।
  • पूजा की शुरुआत भगवान गणेश का स्वागत करते हुए श्री गणेश मंत्र का जाप करने से करें। गणेश पूजा के लिए “ॐ गण गणपतये नम:” मंत्र का जाप प्रमुख रूप से किया जाता है। 
  • इसके बाद दीपक, धूप, अगरबत्तियाँ और फल-फूल चढ़ाएं। 
  • भगवान गणेश को मोदक, लड्डू और अन्य प्रिय पकवान अर्पित करें। 
  • पूजा में 16 प्रकार की सामग्री यानी 'शोडशोपचार'  का उपयोग करना शुभ माना जाता है।


जानिए गणेश जयंती का शुभ मुहूर्त 


गणेश जयंती की पूजा सुबह दिन में 11 बजकर 38 मिनट से दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक है। बता दें कि इस दिन दो घंटे दो मिनट का शुभ मुहूर्त है। जिसमें, आप आराम से अपनी पूजा-अर्चना को पूर्ण कर सकते हैं।


इस दिन बन रहें है शुभ योग


इस बार गणेश जयंती पर रवि का योग बन रहा है। यह सुबह 7 बजकर 9 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 2 फरवरी को सुबह 2 बजकर 33 मिनट तक चलेगा। इस दिन भगवान सूर्य अपना विशेष आशीर्वाद भी मिलेगा। गणेश जयंती पर परिघ और शिव योग भी बन रहे हैं, उस दिन उस दिन पूर्व भाद्रपद नक्षत्र दिनभर रहेगा। बात करें भद्रा की तो 1 फरवरी को भद्रा रात में 10 बजकर 26 मिनट पर लगेगी और 2 फरवरी को सुबह 7 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। 


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माघ पूर्णिमा पूजा विधि

हिंदू धर्म में, पूर्णिमा तिथि को विशेष महत्व दिया गया है। इस दिन जल और प्रकृति में एक अद्भुत ऊर्जा प्रवाहित होती है, जो मानव जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। इस वर्ष माघ पूर्णिमा 2025 और भी विशेष बन गई है।

सकट चौथ पूजा विधि

हिंदू धर्म में सकट चौथ का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश और सकट माता की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और उनके जीवन में आने वाले संकटों को दूर करने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

खरमास की कथा

सनातन धर्म में खरमास को विशेष महत्व बताया गया है। यह एक ऐसा समय होता है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में रहते हैं जिसमें मांगलिक कार्य पर रोक रहती है। इस साल खरमास रविवार, 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है जो 14 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा।

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