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कुंभ में कल्पवास कितने दिनों का होता है

कुंभ में कल्पवास कितने दिनों का होता है

Kalpvas 2024- 1 महीने से लेकर 12 साल तक किया जा सकता है कल्पवास, जानें इसकी सही विधि 


कुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी से प्रयागराज में होने जा रही है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचने वाले हैं। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण कल्पवास होगा। यह एक धार्मिक अनुष्ठान है,  जो माघ मास में किया जाता है। यह व्रत पौष पूर्णिमा से शुरू होकर माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व तक चलता है। पौष पूर्णमा के दिन श्रद्धालु संगम में पहला स्नान कर अपने संकल्प की शुरुआत करते हैं और रेती पर बने तंबुओं में रहते हैं। इसके साथ वे नियमित दिनचर्या का पालन करते हैं। व्रत के दौरान व्यक्ति एक माह तक नियमपूर्वक संगम तट पर रहकर साधना, भक्ति और तपस्या करता है। आप अभी तक कल्पवास के बारे में जान ही गए होंगे। चलिए अब आपको बताते हैं कि कल्पवास करने की सही प्रक्रिया क्या है और ये कितने दिनों तक किया जा सकता है।


12 साल तक हो सकती है कल्पवास की अवधि 


कल्पवास की अवधि व्यक्ति की इच्छाशक्ति पर निर्भर करती है। धर्म-ग्रंथों के मुताबिक, कल्पवास की अवधि एक रात, तीन रात, तीन महीना, छह महीना, छह साल, 12 साल या जीवन भर भी हो सकती है। कई साधु-संत जीवनभर इस प्रक्रिया का पालन करते हैं। कल्पवास एक तरह का व्रत है। इसमें व्यक्ति एक निश्चित अवधि के लिए विशेष नियमों का पालन करते हुए साधना करता है। मान्यता है कि कल्पवास करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।



कल्पवास की विधि 


  • प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठें और बिना तेल और साबुन लगाए संगम स्नान करें।
  • संगम की रेती से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर पूजन करें।
  • सुबह उगते सूर्य को अर्घ दें।
  • कल्पवास के दौरान तामसिक भोजन और मांस-मदिरा का सेवन न करें।
  • एक समय भोजन करें तथा भोजन खुद पकाएं।
  • जमीन पर सोंए और किसी के लिए भी बुरे विचार मन में न लाएं तथा बुरा न सोचें।
  • प्रतिदिन अन्न या वस्त्रों का दान करें। 



कल्पवास से जुड़ी मान्यताए


  • आत्मशुद्धि: माना जाता है कि कल्पवास के दौरान माघ महीने में पवित्र नदियों और विशेष रूप से संगम में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है।
  • मोक्ष प्राप्ति: कुंभ के दौरान कल्पवास करने वाले व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसे जन्म मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।
  • ग्रहों पर पड़ने वाले प्रभाव:  कुंभ के दौरान कल्पवास का पालन करने से ग्रहों पर सकारात्मक असर पड़ता है और व्यक्ति के जीवन में आने वाले कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
  • देवों की उपस्थिति: माना जाता है कि कुंभ मेले के दौरान संगम पर देवताओं की उपस्थिति होती है. ऐसे में इस समय कल्पवास का पालन करने से देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
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