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उत्तर प्रदेश देवी मंदिर (Uttar Pradesh Devi Mandir)

उत्तर प्रदेश देवी मंदिर (Uttar Pradesh Devi Mandir)

लखनऊ की चंद्रिका देवी से लेकर मिर्जापुर की बड़ी काली तक, ये हैं उत्तर प्रदेश के देवी मंदिर, नवरात्रि में जरूर करें दर्शन


भारत में हिंदी पट्टी का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश देश का एक प्रमुख धार्मिक राज्य है। यहां कई प्राचीन मंदिर स्थित हैं। ये मंदिर पौराणिक कथाओं, धार्मिक आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक हैं। उत्तर प्रदेश की भूमि भगवान राम और भगवान कृष्ण जैसे देवताओं के जन्म का साक्षी रहा है। इसलिए अगर आप धार्मिक यात्रा की योजना बना रहे हैं तो नवरात्रि के दौरान उत्तर प्रदेश के इन प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन अवश्य करें। चंद्रिका देवी मंदिर से लेकर मां विंध्यवासिनी धाम तक इन सभी मंदिरों में साल भर श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं, विशेष रूप से नवरात्रि के समय।



1. चंद्रिका देवी मंदिर, लखनऊ:-


चंद्रिका देवी मंदिर लखनऊ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। ये मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित माना जाता है। इस मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है। इसे रामायण काल का बताया जाता है। मान्यता है कि यह मंदिर लक्ष्मण के बेटे चंद्रकेतु द्वारा बनवाया गया था। मंदिर में हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान यह स्थल लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बन जाता है। यहाँ पर देवी की पूजा-अर्चना कर भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की कामना करते हैं। 

पता: कटवारा गांव, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, 

समय: सुबह 05 बजे से दोपहर 01 बजे तक और दोपहर 02 बजे से रात 10 बजे तक।

कैसे पहुंचें: यह मंदिर लखनऊ शहर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ तक पहुंचने के लिए बस और ऑटो के साधन उपलब्ध हैं। सबसे अच्छा समय यहां, नवरात्रि के दौरान दर्शन करना विशेष फलदायी माना जाता है।



2. मां विंध्यवासिनी मंदिर, विंध्याचल:-


मां विंध्यवासिनी का मंदिर हिंदू धर्म की 09 देवियों में से एक है और इसे शक्तिपीठों में गिना जाता है। यहां, पर मां विंध्यवासिनी को महिषासुर मर्दिनी के रूप में पूजा जाता है उन्होंने राक्षस महिषासुर का खात्मा किया था। यह मंदिर मिर्जापुर के विंध्याचल क्षेत्र में स्थित है। यहां दर्शन करने के लिए भक्त विशेष रूप से नवरात्रि के दिनों में ही आते हैं। मां विंध्यवासिनी को लेकर कई धार्मिक और पौराणिक कथाएं जुड़ी हैं जिससे यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच विशेष आस्था का केंद्र बना हुआ है। 

पता: विंध्याचल धाम, मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश, 

समय: सुबह 05 बजे से दोपहर 12 बजे तक फिर दोपहर 1:30 से शाम 7:15 तक और रात 8:15 से 10:15 तक।

कैसे पहुंचें: मिर्जापुर रेलवे स्टेशन से विंध्याचल मंदिर लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से टैक्सी या मिनी बस द्वारा मंदिर पहुंचा जा सकता है। सबसे अच्छा समय: नवरात्रि के दौरान यहां का धार्मिक माहौल और भक्ति देखने लायक होता है।



3. दुर्गा मैया मंदिर, गोरखपुर:-


दुर्गा मैया मंदिर गोरखपुर जिले के जंगल कौड़िया क्षेत्र में स्थित है।  यह मंदिर उत्तर प्रदेश के लोगों की गहरी आस्था का प्रतीक है। शारदीय नवरात्रि के दौरान यहां पर बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां की मान्यता है कि माता दुर्गा सभी भक्तों की मन्नत को पूरी कर देतीं हैं। यही कारण है कि यहां, नेपाल, मुंबई, दिल्ली, बिहार और गोरखपुर सहित अन्य स्थानों से भी भक्त दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर का वातावरण धार्मिक और आध्यात्मिक है। विशेष रूप से नवरात्रि के दिनों में भक्तों की अपार भीड़ देखी जाती है। 

पता: जंगल कौड़िया, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, 

कैसे पहुंचें:- गोरखपुर से जंगल कौड़िया तक पहुंचने के लिए स्थानीय परिवहन सेवाएं उपलब्ध हैं। सबसे अच्छा समय: शारदीय नवरात्रि के दौरान मंदिर की विशेष महत्ता होती है और इस समय यहां बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं।



4. बड़ी काली जी मंदिर, मिर्जापुर:-


बड़ी काली जी मंदिर लगभग 700 साल प्राचीन है। ये स्थल उत्तर प्रदेश के प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण आदि गुरु शंकराचार्य ने करवाया था और यहां देवी काली की पूजा की जाती है। इस मंदिर में मां काली के साथ ही मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की प्रतिमा भी स्थापित की गई है जिनकी हर रोज पूजा-अर्चना होती है।  

पता: मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश, 

कैसे पहुंचें: मिर्जापुर से बड़ी काली जी मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी या बस की सेवाएं उपलब्ध हैं। 

सबसे अच्छा समय: नवरात्रि के दौरान यहां का वातावरण विशेष रूप से भक्तिमय होता है।

 


5. कालीबाड़ी मंदिर, लखनऊ:-


लखनऊ के कैसरबाग में स्थित कालीबाड़ी मंदिर 155 साल पुराना है और इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। इस मंदिर की स्थापना मधुसूदन बनर्जी द्वारा 1863 में की गई थी। मान्यता है कि उन्हें माता भगवती ने सपने में मंदिर की स्थापना का आदेश दिया था। यह मंदिर विशेष रूप से नवरात्रि के समय भक्तों के बीच प्रसिद्ध है। यहां भक्त बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं और देवी की विधि पूर्वक पूजा करते हैं। 

पता: कैसरबाग, घसरिया मंडी, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, 

कैसे पहुंचें: लखनऊ के विभिन्न हिस्सों से कालीबाड़ी मंदिर तक पहुंचने के लिए परिवहन सेवाएं आसानी से उपलब्ध हैं। सबसे अच्छा समय: नवरात्रि के दौरान यहां का वातावरण अत्यंत भक्तिमय होता है। 


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मंगलवार व्रत कथा

सनातन धर्म में मंगलवार के दिन भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं कि मंगलवार को अगर कोई भी भक्त बजरंगबली की सच्चे मन और विधि-विधान से पूजा-अर्चना करता है तो हनुमान जी अपने भक्त को निराश नहीं करते हैं।

बुधवार व्रत कथा

सनातन धर्म में बुधवार का दिन विघ्नहर्ता यानी भगवान गणेश को समर्पित किया गया है। पौराणिक मान्यता है कि जो भी भक्त बुधवार के दिन सच्चे मन से गणेशजी की पूजा-अर्चना करता है, उसकी जिंदगी से धीरे-धीरे सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

गुरुवार व्रत कथा

हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवताओं को समर्पित है और फिर उन्हीं के अनुसार उनकी पूजा की जाती है। ठीक ऐसे ही सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है।

शुक्रवार व्रत कथा

हिंदू धर्म में शुक्रवार के दिन मां संतोषी और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि शुक्रवार को माता संतोषी और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है और माता रानी अपने भक्तों को सभी कष्टों से बचाती हैं।

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