नवीनतम लेख
नवीनतम लेख
5 AM - 10 PM
आश्रम के आकार में बने कर्नाटक के उडुपी स्थित कृष्ण मंदिर और मठ की स्थापना 13वीं शताब्दी के दौरान श्री मधवाचार्य द्वारा की गई थी। एक दिन भगवान कृष्ण के परम भक्त कनकदास भगवान कृष्ण से प्रार्थना करने मंदिर गए। उन्हें मंदिर परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया क्योंकि वे एक निचली जाति से थे। कनकदास ने इसे भगवान कृष्ण की पूजा ज्यादा विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ करने का अवसर के रूप में देखा। वह मंदिर के बाहर भगवान से गहन प्रार्थना करने लगे। वह मंदिर के बाहर मूर्ति की पीठ की ओर बैठे मुंह करके बैठे थे।
कनकदास की अटूट भक्ति ने भगवान कृष्ण को प्रभावित किया और मूर्ति उस दिशा में मुड़ गई जिस दिशा में उनके भक्त प्रार्थना कर रहे थे। इससे भगवान और उनके भक्त कनकदास के बीच की दीवार का एक छोटा से हिस्सा अचानक गिर गया और वह हैरान रह गया क्योंकि उसने भगवान कृष्ण की मूर्ति पर ध्यान केंद्रित किया, जो उसकी ओर मुड़ गई। आज भी यहां पर भक्त भगवान कृष्ण की उसी स्थान से पूजा करते हैं जहां पर यह छेद हैं। इसे कनककंडी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कनक की खिड़की और इसे नवग्रह काटिकी भी कहा जाता है।
कृष्ण मंदिर की कहानी बहुत रोचक है। एक दिन, श्री माधवाचार्य समुद्र तट पर गए और भगवान कृष्ण पर केंद्रित 12-भाग की कविता लिखी। उन्होंने रेत में फंसे एक जहाज को देखा और अपनी शक्तियों से उसे मुक्त करने में मदद की। जब कप्तान ने उनसे पूछा कि बदले में उन्हें क्या चाहिए, तो श्री माधवाचार्य ने कहा कि जहाज पर लगी गोपीचंदन मिट्टी ही उन्हें चाहिए। जब श्री माधवाचार्य के शिष्य मिट्टी को उठाने लगे तो वह अचानक टूट गई। तब, यह पता चला कि भगवान बालकृष्ण की मूर्ति मिट्टी के अंदर थी। फिर उसी वक्त श्री माधवाचार्य ने श्री कृष्ण मठ में मूर्ति को स्थापित करने का फैसला किया।
इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान रखना चाहिए कि वे पारंपरिक पोशाक में आए। महिलाओं के लिए जैसे साड़ी, ब्लाउज, दुपट्टे के साथ सलवार कमीज पहननी चाहिए। वहीं पुरुषों के लिए बनियान, शर्ट, धोती, कुर्ता पहनना चाहिए।
उडुपी पर्याय उत्सव यह एक लोकप्रिय त्यौहार है जो हर दो साल में एक बार मनाया जाता है। पर्याय उत्सव उडुपी के आठ मठों से दूसरे मठ को मंदिर प्रबंधन को सौंपने का एक अनुष्ठान है। कृष्ण मंदिर उडुपी में कई त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी, छिन्नधा रथ, पर्याय महोत्सव, उगादी, अक्षय तृतीया, राम नवमी, गणेश चतुर्थी, कूर्म जयंती महोत्सव, वसंतोत्सव नरसिम्हा जयंती।
इस मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति के सामने करीब पिछले 700 सालों से दीपक जल रहा है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि श्री कृष्ण की पूजा करने के बाद लोग यहां पर संतोष और खुशी प्राप्त करते हैं उनके जीवन में खुशहाली आती है।
हवाई मार्ग - उडुपी पहुंचने के लिए मैंगलोर सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है, और यहां ज्यादातर भारतीय शहरों और कुछ मध्य पूर्वी गंतव्यों से जुड़ा हुआ है। मैंगलोर हवाई अड्डे से आप टैक्सी या बस के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग - उडुपी रेलवे स्टेशन प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है और प्रमुख भारतीय शहरों से यहां के लिए कई ट्रेनें चलती है। आप स्टेशन से मंदिर तक के लिए ऑटो या रिक्शा ले सकते हैं।
सड़क मार्ग - उडुपी बेंगलुरु और मैंगलोर दोनों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। मंदिर तक कई बसें जाती है। आप आसानी से यात्रा कर सकते हैं।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम (Shri Padmanabhaswamy Mandir, Kerala, Thiruvananthapuram)
श्रीसोमेश्वर स्वामी मंदिर(सोमनाथ मंदिर), गुजरात (Shri Someshwara Swamy Temple (Somnath Temple), Gujarat)
ॐकारेश्वर महादेव मंदिर, ओमकारेश्वर, मध्यप्रदेश (Omkareshwar Mahadev Temple, Omkareshwar, Madhya Pradesh)
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर - नेल्लोर, आंध्र प्रदेश (Sri Ranganadha swamI Temple - Nellore, Andhra Pradesh)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर- आंध्र प्रदेश, कुरनूल (Yaganti Uma Maheshwara Temple- Andhra Pradesh, Kurnool)
श्री सोमेश्वर जनार्दन स्वामी मंदिर- आंध्र प्रदेश (Sri Someshwara Janardhana Swamy Temple- Andhra Pradesh)
श्री स्थानेश्वर महादेव मंदिर, थानेसर, कुरुक्षेत्र (Shri Sthaneshwar Mahadev Temple- Thanesar, Kurukshetra)
अरुल्मिगु धनदायूंथापनी मंदिर, पलानी, तमिलनाडु (Arulmigu Dhandayunthapani Temple, Palani, Tamil Nadu)
TH 75A, New Town Heights, Sector 86 Gurgaon, Haryana 122004
Our Services
Copyright © 2024 Bhakt Vatsal Media Pvt. Ltd. All Right Reserved. Design and Developed by Netking Technologies