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महाकुंभ में भक्त वत्सल 1 लाख लोगों को करा रहा फ्री भोजन

महाकुंभ में भक्त वत्सल 1 लाख लोगों को करा रहा फ्री भोजन

Mahakumbh Daan: नहीं जा पा रहे महाकुंभ! फिर भी चाहते हैं पुण्य, तो करें भक्त वत्सल के अन्नदान में सहयोग


महाकुंभ, भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अद्भुत संगम है। हर बार जब यह महाकुंभ लगता है, तो लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से आकर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं। इस विशाल मेले में एक और महत्वपूर्ण पहल अन्नदान है।

आपको बता दें, अन्नदान, भारतीय संस्कृति में सदैव से एक पुण्य कार्य माना गया है। महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में, जहां लाखों लोग एक साथ इकट्ठा होते हैं, अन्नदान का महत्व और बढ़ जाता है। भूखे लोगों को भोजन कराना, धर्म के अलावा मानवता का भी एक बड़ा काम है।

भक्त वत्सल जैसी संस्थाएं इस पुनीत कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे महाकुंभ के दौरान बड़े पैमाने पर अन्नदान का आयोजन करती हैं। आप भी इस पुण्य कार्य में अपना योगदान दे सकते हैं। आप भक्त वत्सल को धनराशि दान करके या स्वयंसेवा करके इस पहल का हिस्सा बन सकते हैं।


अन्नदान कर भक्त वत्सल की इस पहल में आप भी कमा सकते हैं पुण्य


अन्नदान यानी भोजन का दान, सदैव से ही पुण्य का एक महान साधन माना गया है। हमारे धर्मग्रंथों में अन्नदान को सर्वोत्तम दान बताया गया है। अन्नदान करने के पीछे कई कारण हैं। दुनिया में लाखों लोग ऐसे हैं जो भोजन के लिए तरसते हैं। अन्नदान करके हम उनकी इस पीड़ा को कम कर सकते हैं। अन्नदान करने से हम मानवता की सेवा करते हैं। इससे हमारे मन में दया, करुणा और परोपकार की भावना का विकास होता है। अन्नदान करने से हमें मानसिक शांति और संतुष्टि मिलती है। जब हम किसी की मदद करते हैं तो हमें एक अद्भुत आनंद का अनुभव होता है।

"भक्त वत्सल" की यह पहल भूखे लोगों को भोजन देने का कार्य कर रही है। इस पहल में भाग लेकर हम न केवल पुण्य कमा सकते हैं बल्कि समाज सेवा में भी अपना योगदान दे सकते हैं। आप अपनी क्षमता के अनुसार इस पहल में आर्थिक रूप से या स्वयंसेवा करके योगदान दे सकते हैं।


भक्त वत्सल के माध्यम से इस तरह करें अन्नदान


  1. सबसे पहले भक्त वत्सल की ऑफिशियल वेबसाइट www.bhaktvatsal.com पर जाएं। 
  2. होम पेज पर दाई ओर टॉप पर ‘महाकुंभ अन्नदान’ पर क्लिक करें। 
  3. आप भक्त ‘वत्सल महाकुंभ अन्नदान अभियान’ पेज पर पहुंच जाएंगे।  इसके बाद दाई तरफ ‘महाकुंभ में अन्नदान कर पुण्य के सहभागी बनें’ सेक्शन में अपना नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर जैसी जरूरी जानकारी भरें। 
  4. अगले ऑप्शन में चुनें कि आप कितनी थाली का सहयोग देना चाहते हैं। 
  5. इसके बाद 'PAY NOW' पर क्लिक करके पेमेंट करें। 
  6. इस तरह आप हमारे अन्नदान अभियान में जुड़ जाएंगे। आपका नाम 'पुण्य कार्य में सहभागी' वाले सेक्शन में फ्लैश होगा। 


Note: आप www.bhaktvatsal.com/mahakumbh-anna-daan पर क्लिक करके भी सीधे भक्त वत्सल महाकुंभ अन्नदान अभियान पेज पर पहुंच सकते हैं। आप नीचे दिए गए यूआर कोड को स्कैन करके पेज पर पहुंच सकते हैं


महाकुंभ में अन्नदान करने का महत्व


हिंदू धर्म में अन्नदान को पुण्य का काम माना जाता है। मान्यता है कि अन्नदान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके सभी पाप धुल जाते हैं। महाकुंभ जैसे पवित्र अवसर पर किया गया अन्नदान तो और भी फलदायी होता है।

महाकुंभ जैसे पवित्र अवसर पर अन्नदान का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में अन्न को देवता का रूप माना जाता है। इस विश्वास के अनुसार, अन्नदान करने से व्यक्ति पुण्य कमाता है और उसके सभी पाप धुल जाते हैं।

महाकुंभ में हजारों श्रद्धालु आते हैं, जिनमें से कई गरीब और जरूरतमंद होते हैं। ऐसे में अन्नदान करने से न केवल उनका पेट भरता है बल्कि उनके जीवन में खुशहाली भी आती है।


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श्री शिव चालीसा

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान।।

श्री दुर्गा चालीसा

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥

Shri Saraswati Chalisa (श्री सरस्वती चालीसा)

जनक जननि पद कमल रज, निज मस्तक पर धारि।
बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥

Shri Vishnu Chalisa (श्री विष्णु चालीसा)

विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय ।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ॥

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