मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। यह पर्व उनकी भक्ति और कृपा प्राप्त करने का अनोखा अवसर प्रदान करता है। इस शुभ अवसर पर भक्तगण घर और मंदिरों में भक्ति-भाव से पूजा करते हैं। तो आइए इस आलेख में जानते हैं मासिक कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त, योग और राधा रानी की विशेष पूजा विधि के बारे में विस्तार से।
वेदों और ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 22 नवंबर 2024 को संध्या 06:07 बजे होगा। यह तिथि 23 नवंबर 2024 को संध्या 07:56 बजे समाप्त होगी। शास्त्रों के अनुसार, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर निशीथ काल में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। इसलिए, 22 नवंबर 2024 को मासिक जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
इस बार मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर कई शुभ और दुर्लभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन की पवित्रता और महत्ता को और बढ़ा देते हैं। इन योगों में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने से साधकों को अत्यधिक पुण्य और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी केवल भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का पर्व नहीं है, बल्कि यह साधकों को उनके आशीर्वाद से समस्त सुखों की प्राप्ति का अवसर भी प्रदान करता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के शरणागत रहने से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के उपरांत उच्च लोक की प्राप्ति होती है। इस पावन अवसर पर आप भी भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।
अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्तीभृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्।
अङ्गीकृताऽखिल-विभूतिरपाङ्गलीलामाङ्गल्यदाऽस्तु मम मङ्गळदेवतायाः॥1॥
देवी देवमुपागम्य नीलकण्ठं मम प्रियम्।
कृपया पार्वती प्राह शंकरं करुणाकरम्॥
या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवलाया शुभ्र-वस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकराया श्वेतपद्मासना।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।