ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें (Aisi Bhakti Mahadev De Do Hame)

ऐसी भक्ति हे शम्भू दे दो मुझे,

रात दिन मैं भजन तेरे गाता रहूं,

जैसा भी आए ग़म जिंदगी में मगर,

दो वो शक्ति की मैं मुस्कुराता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥


तार ऐसा जुड़े जो ना टूटे कभी,

दुनिया रूठे मगर तू ना रूठे कभी,

जीते जी तेरी चौखट ना छूटे कभी,

जिंदगी भर अलख मैं जगाता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दों हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥


हे दया आपकी जो ये दर्शन दिए,

इससे ज्यादा भला और क्या चाहिए,

तेरी झूठन के दो कोर मिलते रहे,

बोझ जो जिंदगी का उठाता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दों हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥


तेरी लागि जो लौ वो कभी ना बुझे,

भूल से भी कभी ना मैं भूलूँ तुझे,

भोले ऐसा दीवाना बना दो मुझे,

जाने के बाद भी याद आता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दों हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥


ऐसी भक्ति हे शम्भू दे दो मुझे,

रात दिन मैं भजन तेरे गाता रहूं,

जैसा भी आए ग़म जिंदगी में मगर,

दो वो शक्ति की मैं मुस्कुराता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥

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मेरे सिर पर रख दो भोले(Mere Sar Par Rakh Do Bhole)

मेरे सिर पर रख दो भोले,
अपने ये दोनों हाथ,

हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ - भजन (Akhiya Hari Darshan Ki Pyasi)

हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥

16 सोमवार व्रत कथा (16 Somavaar Vrat Katha)

एक समय श्री महादेवजी पार्वती के साथ भ्रमण करते हुए मृत्युलोक में अमरावती नगरी में आए। वहां के राजा ने शिव मंदिर बनवाया था, जो कि अत्यंत भव्य एवं रमणीक तथा मन को शांति पहुंचाने वाला था। भ्रमण करते सम शिव-पार्वती भी वहां ठहर गए।

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ(Hey Raja Ram Teri Aarti Utaru)

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ
आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ,

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