भोले की सवारी देखो आई रे (Bhole Ki Sawari Dekho Aayi Re)

बाबा की सवारी देखो आई रे,

भोले की सवारी देखो आई रे,

भक्तो में मस्ती देखो छाई रे,

बाबा की सवारी देखो आई रे ॥


दूर दूर से यात्री आवे,

अर्जी अपनी लगावे,

अर्जी अपनी लगाकर वो तो,

मन चाहा फल पावे,

भोले ने बिगड़ी बनाई रे,

बाबा की सवारी देखो आई रे,

भोले की सवारी देखों आई रे ॥


कोई बजावे झांझ मंजीरा,

ताशा और मृदंग,

रंग गुलाल अबीर में देखो,

मच रही है हुड़दंग,

महिमा भोले की सबने गाई रे,

महाकाल की सवारी देखो आई रे,

भोले की सवारी देखों आई रे ॥


शाही सवारी में बाबा के संग,

भूत प्रेत सब आवे,

बजरंग भेरू गणपति के संग,

हरसिद्धि माँ आवे,

कांवड़ ये सबने चढ़ाई रे,

बाबा की सवारी देखो आई रे,

महाकाल की सवारी देखो आई रे,

भोले की सवारी देखों आई रे ॥


बाबा की सवारी देखो आई रे,

भोले की सवारी देखो आई रे,

भक्तो में मस्ती देखो छाई रे,

बाबा की सवारी देखो आई रे ॥

........................................................................................................
किसलिए आस छोड़े कभी ना कभी (Kisliye Aas Chhauden Kabhi Na Kabhi)

किस लिए आस छोड़े कभी ना कभी,
क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे ।

विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। विनायक चतुर्थी, उन्हीं को समर्पित एक त्योहार है। यह फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

महाशिवरात्रि पर बेलपत्र चढ़ाने के नियम

महाशिवरात्रि, हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर, प्रत्येक हिंदू घर में उत्साह और श्रद्धा का वातावरण होता है। शिव भक्त इस दिन विशेष रूप से व्रत रखते हैं और चारों पहर में भगवान शिव की आराधना करते हैं।

मौनी अमावस्या पर ये जरूर करें

साल 2025 में 29 जनवरी दिन बुधवार को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी। इस बार मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान किया जाएगा और इस दिन कुछ दुर्लभ संयोग भी बन रहे हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने