बाबा की सवारी देखो आई रे,
भोले की सवारी देखो आई रे,
भक्तो में मस्ती देखो छाई रे,
बाबा की सवारी देखो आई रे ॥
दूर दूर से यात्री आवे,
अर्जी अपनी लगावे,
अर्जी अपनी लगाकर वो तो,
मन चाहा फल पावे,
भोले ने बिगड़ी बनाई रे,
बाबा की सवारी देखो आई रे,
भोले की सवारी देखों आई रे ॥
कोई बजावे झांझ मंजीरा,
ताशा और मृदंग,
रंग गुलाल अबीर में देखो,
मच रही है हुड़दंग,
महिमा भोले की सबने गाई रे,
महाकाल की सवारी देखो आई रे,
भोले की सवारी देखों आई रे ॥
शाही सवारी में बाबा के संग,
भूत प्रेत सब आवे,
बजरंग भेरू गणपति के संग,
हरसिद्धि माँ आवे,
कांवड़ ये सबने चढ़ाई रे,
बाबा की सवारी देखो आई रे,
महाकाल की सवारी देखो आई रे,
भोले की सवारी देखों आई रे ॥
बाबा की सवारी देखो आई रे,
भोले की सवारी देखो आई रे,
भक्तो में मस्ती देखो छाई रे,
बाबा की सवारी देखो आई रे ॥
मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों में से एक है। यह व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं।
उधम ऐसो मच्यो बृज में,
सब केसर उमंग मन सींचे,
मेरो लाला झूले पालना, नित होले झोटा दीजो
नित होले झोटा दीजो, नित होले झोटा दीजो
मेरो मन राम ही राम रटे रे,
राम ही राम रटे रे ॥