छठी माई के घटिया पे (Chhati Mai Ke Ghatiya Pe)

छठी माई के घटिया पे,

आजन बाजन,

बाजा बजवाईब हो ।


छठी माई के घटिया पे,

आजन बाजन,

बाजा बजवाईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


एक ही ललन बिना,

छछनेला मनवा,

सुन सान लागे हमरो,

घरवा अंगनवा ।


एक ही ललन बिना,

छछनेला मनवा,

सुन सान लागे हमरो,

घरवा अंगनवा ।


पूरा होईहे दिलवा के ललसा त,

जलसा कराईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


मनवा में आस लेके,

रोवेली बझिनी,

कहिया बसईबू छठी माई,

हमरो दुनिया,

कहिया बसईबू छठी माई,

हमरो दुनिया ।


अइसन सुंदर फल पाईब,

सूरूज गोहराईब हो,


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


छठी माई के घटिया पे,

आजन बाजन,

बाजा बजवाईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।

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देवी लक्ष्मी स्तोत्रम्

हरिः ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्र​जाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥

चैत्र अमावस्या मुहूर्त और तिथि

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र अमावस्य को बहुत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह हिंदू नववर्ष की शुरुआत के एक दिन पहले मनाई जाती है।

ओ मैया तेरी रहमतों ने, ये करिश्मा किया (O Maiya Teri Rehmaton Ne ye Karishma Kiya)

ओ मैया तेरी रहमतों ने,
ये करिश्मा किया,

सुहागिनों के लिए क्यों खास है गणगौर

गणगौर व्रत भारतीय संस्कृति में स्त्रियों की श्रद्धा, प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

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