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छठी माई के घटिया पे (Chhati Mai Ke Ghatiya Pe)

छठी माई के घटिया पे (Chhati Mai Ke Ghatiya Pe)

छठी माई के घटिया पे,

आजन बाजन,

बाजा बजवाईब हो ।


छठी माई के घटिया पे,

आजन बाजन,

बाजा बजवाईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


एक ही ललन बिना,

छछनेला मनवा,

सुन सान लागे हमरो,

घरवा अंगनवा ।


एक ही ललन बिना,

छछनेला मनवा,

सुन सान लागे हमरो,

घरवा अंगनवा ।


पूरा होईहे दिलवा के ललसा त,

जलसा कराईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


मनवा में आस लेके,

रोवेली बझिनी,

कहिया बसईबू छठी माई,

हमरो दुनिया,

कहिया बसईबू छठी माई,

हमरो दुनिया ।


अइसन सुंदर फल पाईब,

सूरूज गोहराईब हो,


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


छठी माई के घटिया पे,

आजन बाजन,

बाजा बजवाईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।


गोदीया में होईहे बलकवा,

अरघ देवे आईब हो ।

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रविवार की आरती

हिंदू धर्म में रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव को प्रिय है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है। सूर्यदेव की पूजा जातक के लिए बेहद फलदायी साबित होती है।

वैकासी विसाकम 2025

वैकासी विसाकम, जिसे विशाखा नक्षत्र के नाम से भी जाना जाता है, 2025 में 9 जून, सोमवार को मनाया जाएगा। यह तिथि तमिल पंचांग के अनुसार वैकासी मास के दौरान आती है जब चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में स्थित होता है।

वट सावित्री पूर्णिमा 2025

वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में विवाहित स्त्रियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। यह व्रत स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना से करती हैं।

वट सावित्री व्रत 2 बार क्यों मनाया जाता है

वट सावित्री व्रत विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना से रखा जाने वाला एक विशेष पर्व है।

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