हर कदम पे तुम्हे होगा,
आभास सांवरे का,
चाहे कुछ भी हो ना डगमग हो,
विश्वास सांवरे का,
हर कदम पे तुम्हें होगा,
आभास सांवरे का ॥
दुनिया से आँखें बंद करके,
मन की आँखों को खोल ज़रा,
बेमतलब की बातें छोड़ो,
जय बाबा की तू बोल ज़रा,
दिल के अंदर तुम्हे होगा,
एहसास सांवरे का,
हर कदम पे तुम्हें होगा,
आभास सांवरे का ॥
चलकर के देखो तुम एक बार,
मेरे साँवलिये की राहों में,
गिरने के पहले थामेगा,
ये आकर अपनी बाँहों में,
तेरे मन में ही मिलेगा,
तुम्हे वास सांवरे का,
हर कदम पे तुम्हें होगा,
आभास सांवरे का ॥
‘सूरज’ कुछ ऐसा काम करो,
सांवरिया हो तुमसे राजी,
हारे को जो अपनाओगे,
जीतोगे फिर तुम हर बाजी,
बन जायेगा फिर तू,
बड़ा ख़ास सांवरे का,
हर कदम पे तुम्हें होगा,
आभास सांवरे का ॥
हर कदम पे तुम्हे होगा,
आभास सांवरे का,
चाहे कुछ भी हो ना डगमग हो,
विश्वास सांवरे का,
हर कदम पे तुम्हें होगा,
आभास सांवरे का ॥
ॐ हरिर्विदध्यान्मम सर्वरक्षां न्यस्ताङ्घ्रिपद्मः पतगेन्द्रपृष्ठे।
एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि।
भवाय चन्द्रचूडाय निर्गुणाय गुणात्मने ।
ब्रह्म लोके च ये सर्पाःशेषनागाः पुरोगमाः।