जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
जिन के द्वारे पर गंग बहे,
जिन के द्वारे पर गंग बहे,
तिन कूप का नीर पीया ना पीया,
तिन कूप का नीर पीया ना पीया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
जिन काम किया परमार्थ का,
जिन काम किया परमार्थ का,
तिन हाथ से दान दिया ना दिया,
तिन हाथ से दान दिया ना दिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
जिन के घर एक सपूत भयो,
जिन के घर एक सपूत भयो,
तिन लाख कपूत भया ना भया,
तिन लाख कपूत भया ना भया ॥
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
जिन मात पिता की सेवा करी,
जिन मात पिता की सेवा करी,
तिन तीर्थ व्रत किया ना किया,
तिन तीर्थ व्रत किया ना किया ॥
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
जिन के द्वारे पर गंग बहे,
तिन कूप का नीर पीया ना पीया ।
जिन काम किया परमार्थ का,
तिन हाथ से दान दिया ना दिया ।
जिन के घर एक सपूत भयो,
तिन लाख कपूत भया ना भया ।
जिन मात पिता की सेवा करी,
तिन तीर्थ व्रत किया ना किया ।
तुलसीदास विचार कहे,
तुलसीदास विचार कहे,
कपटी को मीत किया ना किया,
कपटी को मीत किया ना किया ॥
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।
जिनके हृदय हरि नाम बसे,
सनातन धर्म में रविवार के दिन सूर्य देवता की पूजा का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। ज्योतिषों के अनुसार भगवान सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है।
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, खासकर जब यह तिथि वैशाख माह में आती है। वैशाख अमावस्या को पितृ दोष के निवारण के लिए अत्यंत शुभ समय माना गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख अमावस्या वैशाख मास की अंतिम तिथि है, जिसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। यह दिन पितरों की शांति, पितृ दोष के निवारण, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए बेहद लाभदायक तिथि माना जाता है।
हिंदू धर्म में वैशाख माह की अमावस्या तिथि विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है। यह दिन पितरों को स्मरण करने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ होता है।