अवध बिहारी हो,
हम आए शरण तिहारी,
गिरवर धारी हो,
हम आए शरण तिहारी ॥
महापातकी रहा अजामिल,
उसे मिला सुरधाम,
नारायण आ गए लिया जब,
पुत्र का अपने नाम,
संकट हारी हो,
आया शरण तिहारी,
अवध बिहारी हों,
हम आए शरण तिहारी ॥
जब जल में गजराज ग्राह में,
युद्ध हुआ घनघोर,
हार गया गज तो बोला,
दौड़ो नंद किशोर,
सुदर्शन धारी हो,
आया शरण तिहारी,
अवध बिहारी हों,
हम आए शरण तिहारी ॥
हिरणाकुश प्रहलाद को जब,
बाँधा खंबे के साथ,
तब बोला प्रहलाद कहाँ हो,
आओ दीनानाथ,
शरण हितकारी हो,
आया शरण तिहारी,
अवध बिहारी हों,
हम आए शरण तिहारी ॥
अवध बिहारी हो,
हम आए शरण तिहारी,
गिरवर धारी हो,
हम आए शरण तिहारी ॥
वैदिक पंचांग के अनुसार, सभी ग्रह एक निश्चित समय अंतराल पर अपना- अपना स्थान परिवर्तन करते हैं। इसका नकारात्मक अथवा सकारात्मक प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है।
मई 2025 का महीना मेष राशि के जातकों के लिए कई नए अवसर और चुनौतियां लेकर आ रहा है। इस महीने में आपको अपने स्वास्थ्य, करियर, और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाने की आवश्यकता होगी।
मई 2025 का महीना वृष राशि के जातकों के लिए कई नए अवसर और चुनौतियां लेकर आ रहा है। इस महीने में आपको अपने काम, रिश्तों, और सेहत में संतुलन बनाने की आवश्यकता होगी।
मई 2025 का महीना मिथुन राशि के जातकों के लिए कई नए अवसर और चुनौतियां लेकर आ रहा है। इस महीने में आपको अपने आत्मविश्वास और जल्दबाजी को नियंत्रित करने की आवश्यकता होगी ताकि आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।