जो तू मिटाना चाहे, जीवन की तृष्णा (Jo Tu Mitana Chahe Jivan Ki Trishna)

जो तू मिटाना चाहे,

जीवन की तृष्णा,

जो तू मिटाना चाहे,

जीवन की तृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥


कृष्ण नाम पावन पावन,

कृष्ण नाम प्यारा प्यारा,

जो ना बोले कृष्णा कृष्णा,

जग से वो हारा हारा,

मन का मिटे अँधियारा,

बोल कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥


जिसको मिली ना पीड़ा,

सुख का मरम क्या जाने,

जो ना ध्याये कृष्णा कृष्णा,

नित का धरम क्या माने,

चाहे अगर उजियाला,

बोल कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥


छोड़ दे भटकना दर दर,

तोड़ दे अहम का घेरा,

भूल जा जगत के वैभव,

जग है दुखो का डेरा,

फिरे काहे मारा मारा,

बोल कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥


जो तू मिटाना चाहे,

जीवन की तृष्णा,

जो तू मिटाना चाहे,

जीवन की तृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा,

सुबह शाम बोल बन्दे,

कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥

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चैत्र नवरात्रि कथा

चैत्र नवरात्रि हिंदू नव वर्ष के साथ आती है और इसे विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है। पंचांग के अनुसार, 2025 में चैत्र नवरात्र 30 मार्च से शुरू होकर 7 अप्रैल तक चलेगी।

रंग पंचमी की कथा

रंग पंचमी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और यह पर्व चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन देवी-देवता धरती पर आकर भक्तों के साथ होली खेलते हैं और उनकी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

विवाह पंचमी पर शादी क्यों नहीं होती ?

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है। आमतौर पर हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह तिथि नवंबर या दिसंबर के महीने में आती है।

ही आशा लेकर आती हूँ ( Yahi Aasha Lekar Aati Hu)

यही आशा लेकर आती हूँ,
हर बार तुम्हारे मंदिर में,

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