जो तू मिटाना चाहे,
जीवन की तृष्णा,
जो तू मिटाना चाहे,
जीवन की तृष्णा,
सुबह शाम बोल बन्दे,
कृष्णा कृष्णा कृष्णा,
सुबह शाम बोल बन्दे,
कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥
कृष्ण नाम पावन पावन,
कृष्ण नाम प्यारा प्यारा,
जो ना बोले कृष्णा कृष्णा,
जग से वो हारा हारा,
मन का मिटे अँधियारा,
बोल कृष्णा कृष्णा,
सुबह शाम बोल बन्दे,
कृष्णा कृष्णा कृष्णा,
सुबह शाम बोल बन्दे,
कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥
जिसको मिली ना पीड़ा,
सुख का मरम क्या जाने,
जो ना ध्याये कृष्णा कृष्णा,
नित का धरम क्या माने,
चाहे अगर उजियाला,
बोल कृष्णा कृष्णा,
सुबह शाम बोल बन्दे,
कृष्णा कृष्णा कृष्णा,
सुबह शाम बोल बन्दे,
कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥
छोड़ दे भटकना दर दर,
तोड़ दे अहम का घेरा,
भूल जा जगत के वैभव,
जग है दुखो का डेरा,
फिरे काहे मारा मारा,
बोल कृष्णा कृष्णा,
सुबह शाम बोल बन्दे,
कृष्णा कृष्णा कृष्णा,
सुबह शाम बोल बन्दे,
कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥
जो तू मिटाना चाहे,
जीवन की तृष्णा,
जो तू मिटाना चाहे,
जीवन की तृष्णा,
सुबह शाम बोल बन्दे,
कृष्णा कृष्णा कृष्णा,
सुबह शाम बोल बन्दे,
कृष्णा कृष्णा कृष्णा ॥
उपनयन संस्कार, जिसे जनेऊ संस्कार के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में 16 संस्कारों में से 10वां संस्कार है। यह संस्कार पुरुषों में जनेऊ धारण करने की पारंपरिक प्रथा को दर्शाता है, जो सदियों से चली आ रही है।
हिंदू धर्म में विवाह को एक पवित्र संस्कार माना जाता है जो दो लोगों के साथ-साथ दो परिवारों को भी जोड़ता है। वैदिक शास्त्रों में कहा गया है कि शादी एक पवित्र रिश्ता है और इसे हमेशा शुभ समय पर किया जाना चाहिए। विवाह के लिए शुभ समय और तारीख का निर्धारण करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है।
साल 2025 में अपने नन्हे मेहमान के आगमन के साथ आप उनके नामकरण संस्कार की तैयारी में जुट गए होंगे। यह एक ऐसा पल है जो न केवल आपके परिवार के लिए बल्कि आपके बच्चे के भविष्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि और मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह दोनों तिथियां भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।