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कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना! (Kaise Jiun Main Radha Rani Tere Bina)

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना! (Kaise Jiun Main Radha Rani Tere Bina)

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना,

मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना॥


मेरे पापों का कोई ठिकाना नहीं,

तेरी प्रीत क्या होती जाना नहीं,

शरण देदो मेरे अवगुण निहारे बिना॥

॥ कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना...॥


मोहे प्रीत की रीत सिखा दो प्रिया,

अपनी यादो में रोना सिखा दो प्रिया,

जीवन नीरस है अखिओं के तारे बिना॥

॥ कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना...॥


प्यारी पतितों की पतवार तुम ही तो हो,

दीन दुखिओं की आधार तुम्ही तो हो,

अब मैं जाऊं कहा तेरे द्वारे बिना॥

॥ कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना...॥


कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना,

मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना॥

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अक्षय तृतीया मूलांक ज्योतिष

हिंदू पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ माना जाता हैI

अक्षय तृतीया पर इन पांच स्थानों पर जलाएं दीपक

अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि स्वयं में ही अबूझ मानी जाती है, अर्थात् इस दिन किसी भी शुभ कार्य को बिना मुहूर्त के किया जा सकता है।

अक्षय तृतीया 2025 कब है

भारत में मनाए जाने वाले त्योहार जीवन को अध्यात्म, आस्था और संस्कारों से जोड़ते हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण पर्व है अक्षय तृतीया, जिसे ‘आखा तीज’ भी कहा जाता है।

अक्षय तृतीया के उपाय

अक्षय तृतीया को ‘अखा तीज’ भी कहा जाता है, जो वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल कभी भी समाप्त नहीं होता है। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, बुधवार को मनाई जाएगी।

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