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अरे माखन की चोरी छोड़ साँवरे मैं समझाऊँ तोय (Are Makhan Ki Chori Chhod Sanvare Main Samjhau Toye)

अरे माखन की चोरी छोड़ साँवरे मैं समझाऊँ तोय (Are Makhan Ki Chori Chhod Sanvare Main Samjhau Toye)

अरे माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय,

मैं समझाऊँ तोय,

कन्हैया मैं समझाऊँ तोय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


नव लख धेनु तेरे बाबा के,

नव लख धेनु तेरे बाबा के,

नित नयो माखन होय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


कमी नाही तेरे काहू की,

कमी नाही तेरे काहू की,

हँसी हमारी होय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


बरसाने ते तेरी होय सगाई,

बरसाने ते तेरी होय सगाई,

नित प्रति चर्चा होय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


बड़े घरन की राजदुलारी,

बड़े घरन की राजदुलारी,

नाम धरेंगी तोय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


अरे माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय,

मैं समझाऊँ तोय,

कन्हैया मैं समझाऊँ तोय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥

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आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि में इस तरह करें मां दुर्गा की पूजा, जानें विधि

नवरात्रि का पर्व उपासना का पर्व है। सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है।

क्या है गुप्त नवरात्रि का रहस्य ? जानें इससे जुड़ी रोचक बातें

गुप्त शब्द मतलब गोपनीय यानी छुपी हुई। एक ऐसी आराधना जिसमे माता की अलग तरह की तांत्रिक पूजा की जाती है।

गुप्त नवरात्रि में की जाती है दस महाविद्याओं की उपासना, जानें सभी का परिचय

गुप्त नवरात्रि में गुप्त विद्याओं की सिद्धि के लिए साधना की जाती है। इसीलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं।

यहां पढ़े गुप्त नवरात्रि की पौराणिक कथा

आषाढ़ गुप्त नवरात्र का पर्व बहुत ही शुभ माना जाता है। ये देवी दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा के लिए समर्पित है।

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