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अरे माखन की चोरी छोड़ साँवरे मैं समझाऊँ तोय (Are Makhan Ki Chori Chhod Sanvare Main Samjhau Toye)

अरे माखन की चोरी छोड़ साँवरे मैं समझाऊँ तोय (Are Makhan Ki Chori Chhod Sanvare Main Samjhau Toye)

अरे माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय,

मैं समझाऊँ तोय,

कन्हैया मैं समझाऊँ तोय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


नव लख धेनु तेरे बाबा के,

नव लख धेनु तेरे बाबा के,

नित नयो माखन होय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


कमी नाही तेरे काहू की,

कमी नाही तेरे काहू की,

हँसी हमारी होय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


बरसाने ते तेरी होय सगाई,

बरसाने ते तेरी होय सगाई,

नित प्रति चर्चा होय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


बड़े घरन की राजदुलारी,

बड़े घरन की राजदुलारी,

नाम धरेंगी तोय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥


अरे माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय,

मैं समझाऊँ तोय,

कन्हैया मैं समझाऊँ तोय,

अरें माखन की चोरी छोड़,

साँवरे मैं समझाऊँ तोय ॥

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29 या 30 नवंबर, मासिक शिवरात्रि कब है?

मासिक शिवरात्रि का पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है।

30 नवंबर या 1 दिसंबर, कब है मार्गशीर्ष अमावस्या?

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। हर महीने आने वाली अमावस्या को दर्श अमावस्या कहते हैं। यह दिन पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित है।

मासिक शिवरात्रि पर जरूर करें ये उपाय

शिव पुराण में मासिक शिवरात्रि की महिमा का उल्लेख मिलता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है।

मासिक शिवरात्रि: भगवान शिव नमस्काराथा मंत्र

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है। नवंबर माह की शिवरात्रि मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ती है, और यह दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने का उत्तम अवसर है।

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