भोले बाबा तेरी क्या ही बात है,
भोले शंकरा तेरी क्या ही बात है,
दूर होकर भी तू साथ है,
दूर होकर भी तू साथ है,
खुद को मैं कर दूँगा तुझको समर्पण,
मैं तेरा अंश हूँ तू मेरा दर्पण,
तेरे ही आने से मेरी ये सारी,
जिंदगी सजी है।
ओ मेरे शंकरा ।
लागी मेरी प्रीत तेरे संग,
मेरे शंकरा ।
लागी मेरी प्रीत तेरे संग,
मेरे शंकरा ।
तू पिता है मेरा,
और तू ही रहेगा,
मेरी हर ग़लती को,
तू हँस कर सहेगा,
तेरे जाप से मन का,
उड़ गया है रे पंछी,
सब तेरी बदौलत है,
आज रघुवंशी,
तू सूक्ष्म है,
और तू ही विशाल है,
तू उत्तर है और,
तू ही सवाल है,
तू ही सत्य है,
बाकी जिंदगी भी ना सगी है,
लागी मेरी तेरे संग लगी ।
ओ मेरे शंकरा ।
लागी मेरी प्रीत तेरे संग,
मेरे शंकरा ।
लागी मेरी प्रीत तेरे संग,
मेरे शंकरा ।
न यावद् उमानाथ पादारविंदं।
भजंतीह लोके परे वा नराणां॥
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं।
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं॥
ध्यान में है मगन,
तन पे ओढ़ के रे चोली,
मुझे अपने रंग में रंग दे,
संग खेल में मेरे होली,
यहाँ आसन नीचे,
ना है कोई, खटोली,
मुझे अपने रंग में रंग दे,
संग खेल में मेरे होली,
बस भी करो अब मेरे शंकरा,
भांग रगड़ कर बोली ये गौरा,
तुम नहीं रचे हो गौरा,
लौट के रची है।
ओ मेरे शंकरा ।
लागी मेरी प्रीत तेरे संग,
मेरे शंकरा ।
लागी मेरी प्रीत तेरे संग,
मेरे शंकरा ।
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कहा जाता है कि जहां शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाती है, वहां मां दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहती है और संकटों के बादल कभी नहीं मंडराते, ऐसी मान्यता है।
चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है और 6 अप्रैल को समाप्त होगी। यानी नवरात्रि में घटस्थापना 30 मार्च और रामनवमी 6 अप्रैल को होगी। नवरात्रि इस बार रविवार से शुरू होगी, इसलिए इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी।
साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से शुरू हो रही है। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र मास हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और नौ दुर्गाओं का आशीर्वाद बना रहता है।
चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 रविवार से शुरू होकर 7 अप्रैल 2025 सोमवार को समाप्त होगी। इस पावन अवसर पर आप देश के विभिन्न प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।