ओ शंकरा मेरे शिव शंकरा,
बालक मैं तू पिता है,
तुझसे कुछ नही छिपा है,
शंकरा भोलेनाथ भोलेनाथ,
ओ शंकरा मेरें शिव शंकरा,
बालक मैं तू पिता है ॥
अंग विभूति गले रुंड माला,
शमशानों का वासी बड़ा दयाला,
गंगा किनारे डेरा ओ लागे,
नन्दी संग तेरे भैरव साजे,
ओ शंकरा मेरें शिव शंकरा,
बालक मैं तू पिता है ॥
शरण तुम्हारे जो भी आता,
खाली हाथ कभी ना जाता,
कृपा करो दया करो,
हे शिव शंकर हे अभ्यंकर,
ओ शंकरा मेरें शिव शंकरा,
बालक मैं तू पिता है ॥
ओ शंकरा मेरे शिव शंकरा,
बालक मैं तू पिता है,
तुझसे कुछ नही छिपा है,
शंकरा भोलेनाथ भोलेनाथ,
ओ शंकरा मेरें शिव शंकरा,
बालक मैं तू पिता है ॥
सनातन धर्म में शुभ कार्यों की शुरुआत करने से पहले शुभ तिथि और मुहूर्त का महत्व बहुत अधिक है। यह मान्यता है कि शुभ तिथि और मुहूर्त में किया गया कार्य अवश्य सफल होता है।
साल 2025 में अपने नन्हे मेहमान के आगमन के साथ आप उनके नामकरण संस्कार की तैयारी में जुट गए होंगे। यह एक ऐसा पल है जो न केवल आपके परिवार के लिए बल्कि आपके बच्चे के भविष्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण काम होता है जहां आपका एक सपना वास्तविकता में बदलने वाला होता है। हिंदू धर्म में जिस तरह लोग मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखते हैं उसी तरह संपत्ति, वाहन, भूमि खरीदने से पहले भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है।
भारतीय संस्कृति में शुभ मुहूर्त का महत्व सदियों से जारी है। चाहे वह शादी-विवाह हो, मुंडन, अन्य अनुष्ठान, या फिर संपत्ति की खरीदारी, शुभ मुहूर्त का पालन करना अत्यंत आवश्यक माना जाता है।