लोरी सुनाए गौरा मैया,
झूला झूले गजानंद,
रिमझिम रिमझिम बरसे बदरिया,
रिमझिम रिमझिम बरसे बदरिया,
झूला झूले गजानंद,
लोरी सुनाए गोरा मैया,
झूला झूले गजानंद ॥
शिव शंकर का डमरू बाजे,
नारद नाचे नंदी नाचे,
ठंडी ठंडी चले पुरवैया,
ठंडी ठंडी चले पुरवैया,
झूला झूले गजानंद,
लोरी सुनाए गोरा मैया,
झूला झूले गजानंद ॥
कोई पीताम्बर पहनाए,
आँखों में कोई कजरा लगाए,
लागे ना देवा तुमको नजरिया,
लागे ना देवा तुमको नजरिया,
झूला झूले गजानंद,
लोरी सुनाए गोरा मैया,
झूला झूले गजानंद ॥
मंगल गीत यहाँ देवियां गाए,
सुर नर मुनि सब पर्व मनाए,
खुश है निरंजन सारी दुनिया,
खुश है निरंजन सारी दुनिया,
झूला झूले गजानंद,
लोरी सुनाए गोरा मैया,
झूला झूले गजानंद ॥
लोरी सुनाए गौरा मैया,
झूला झूले गजानंद,
रिमझिम रिमझिम बरसे बदरिया,
रिमझिम रिमझिम बरसे बदरिया,
झूला झूले गजानंद,
लोरी सुनाए गोरा मैया,
झूला झूले गजानंद ॥
साल 2025 के फरवरी माह में प्रदोष व्रत से लेकर महाशिवरात्रि जैसे बड़े पर्व हैं। इसलिए, यह महीना भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा के लिए बेहद शुभ है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी महीने का पहला प्रदोष व्रत माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा। यह तिथि शुरुआत 9 फरवरी 2025, रविवार के दिन पड़ेगी और इसी दिन व्रत करना फलदायी होगा।
जया एकादशी का दिन बहुत ही पावन माना जाता है। इस साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 08 फरवरी को मनाई जाएगी।
सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। माघ मास की जया एकादशी जल्द ही आने वाली है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति को विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।