अजी मत बरसो इन्दर राज,
या जग सेठाणी भीजे,
या जग सेठाणी भीजे,
म्हारी राज राणी भीजे,
अजी मत बरसों इन्दर राज,
या जग सेठाणी भीजे ॥
गुम्बज पर मेवा बरसे,
मंदिर पर मेवा बरसे,
अजी पौढ़ी पर अमृत धार,
मोटी सेठाणी भीजे,
अजी मत बरसों इन्दर राज,
या जग सेठाणी भीजे ॥
सावन की रुत मतवाली,
झूले में झूंझण वाली,
अरे सह पावे ना बौछार,
या जग सेठाणी भीजे,
अजी मत बरसों इन्दर राज,
या जग सेठाणी भीजे ॥
झूंझण से खबरिया आई,
सब चलो लोग लुगाई,
ले चलो छतर हजार,
या जग सेठाणी भीजे,
अजी मत बरसों इन्दर राज,
या जग सेठाणी भीजे ॥
पानी के मैया बहाने,
इन्दर आयो दर्शन पाने,
जया मेरो धन्य हुयो परिवार,
दादी चरणा ने छूके,
अजी मत बरसों इन्दर राज,
या जग सेठाणी भीजे ॥
अजी मत बरसो इन्दर राज,
या जग सेठाणी भीजे,
या जग सेठाणी भीजे,
म्हारी राज राणी भीजे,
अजी मत बरसो इन्दर राज,
या जग सेठाणी भीजे ॥
आस्था, शुद्धता और तपस्या का महापर्व छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के तराई इलाकों में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है।
मकर संक्रांति की ग्रह स्थिति तब बनती है जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है। इसे सूर्य का मकर संक्रांति में गोचर कहा जाता है। यही समय मकर संक्रांति का प्रमुख क्षण माना जाता है।
पोंगल दक्षिण भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे खासकर तमिलनाडु में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य देवता की उपासना का प्रतीक है और खासकर कृषि उत्पादकता और समृद्धि से जुड़ा हुआ है।
श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाने वाली हरियाली तीज महिलाओं के लिए अत्यंत पावन और भावनात्मक पर्व होता है।