मिल कहो गर्व से हिन्दू है हम(Mil Kaho Garv Se Hindu Hain Ham)

मिल कहो गर्व से हिन्दू है हम,

यह हिन्दूस्तान हमारा,

था स्वामी जी का नारा,

था स्वामी जी का नारा,

है उस सपुत की सार्द सती जो,

भारत माँ का प्यारा,

था संस्कृति का रखवाला,

था भारत माँ का प्यारा,

वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् ॥


गुरू रामकृष्ण के चरणों में,

बालक नरेन था आया,

गुरू रामकृष्ण के चरनो मे,

बालक नरेन था आया,

तब उसके मुख का तेज देखकर,

गुरू ने था अपनाया,

वह रूप विवेकानंद हुआ ,

माँ काली का था प्यारा,

था संस्कृति का रखवाला,

था भारत माँ का प्यारा,

वन्दे मातरम् वन्दे मातरम्। ॥


मिल कहो गर्व से हिन्दू हैं हम,

नारा अमर दिया था,

मिल कहो गर्व से हिन्दू हैं हम,

नारा अमर दिया था,

कर्म योग और राज योग हित,

हमको प्रबुद्ध किया था,

हमको प्रबुद्ध किया था,

वह कन्याकुमारी अमर शिला,

सागर का धन्य किनारा,

था संस्कृति का रखवाला,

था भारत माँ का प्यारा,

वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् ॥


वह आज शिकागो याद करे,

जहाँ धर्म पताका फहरी,

वह आज शिकागो याद करे,

जहाँ धर्म पताका फहरी,

युग पुरूष विवेकानंद तुम ही थे,

धर्म ध्वजा के पहरी,

धर्म ध्वजा के पहरी,

था विश्व धर्म सम्मेलन में,

भारत का रूप सवारा,

था संस्कृति का रखवाला,

था भारत माँ का प्यारा,

वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् ॥


मिल कहो गर्व से हिन्दू है हम,

यह हिन्दूस्तान हमारा,

था स्वामी जी का नारा,

था स्वामी जी का नारा,

है उस सपुत की सार्द सती जो,

भारत माँ का प्यारा,

था संस्कृति का रखवाला,

था भारत माँ का प्यारा,

वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् ॥

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तेरे दरबार में मैय्या खुशी मिलती है

तेरी छाया मे, तेरे चरणों में,
मगन हो बैठूं, तेरे भक्तों में॥

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