मुझे अपनी शरण में ले लो राम(Mujhe Apni Sharan Me Lelo Ram)

मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!

लोचन मन में जगह न हो तो

जुगल चरण में ले लो राम, ले लो राम!


जीवन देके जाल बिछाया

रच के माया नाच नचया

चिन्ता मेरी तभी मिटेगी

जब चिन्तन में ले लो राम, ले लो राम!

मुझे अपनी शरण में ले लो राम!


तू ने लाखोँ पापी तारे

मेरी बारी बाजी हारे, बाजी हारे

मेरे पास न पुण्य की पूँजी

पद पूजन में ले लो राम, ले लो राम!

मुझे अपनी शरण में ले लो राम!


राम हे राम, राम हे राम

दर दर भटकूँ घर घर अटकूँ

कहाँ कहाँ अपना सर पटकूँ

इस जीवन में मिलो न तुम तो राम, हे राम!

इस जीवन में मिलो न तुम तो,

मुझे मरण में ले लो राम, ले लो राम!


मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!

लोचन मन में जगह न हो तो

जुगल चरण में ले लो राम, ले लो राम!

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बुधवार व्रत की प्रामाणिक-पौराणिक कथा (Budhvaar Vrat Ki Praamaanik-Pauraanik Katha)

समतापुर नगर में मधुसूदन नामक एक व्यक्ति रहता था। वह बहुत धनवान था। मधुसूदन का विवाह बलरामपुर नगर की सुंदर लड़की संगीता से हुआ था।

मां दुर्गा पूजा विधि

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गुप्त नवरात्रि पर राशि के अनुसार उपाय

सनातन धर्म में साल में आने वाली चारों नवरात्रि का बहुत खास महत्व है। हर साल चार बार नवरात्रि आती है, जिनमें से माघ गुप्त नवरात्रि भी शामिल हैं।

माघ गुप्त नवरात्रि कवच पाठ

हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।

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