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मुझे अपनी शरण में ले लो राम(Mujhe Apni Sharan Me Lelo Ram)

मुझे अपनी शरण में ले लो राम(Mujhe Apni Sharan Me Lelo Ram)

मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!

लोचन मन में जगह न हो तो

जुगल चरण में ले लो राम, ले लो राम!


जीवन देके जाल बिछाया

रच के माया नाच नचया

चिन्ता मेरी तभी मिटेगी

जब चिन्तन में ले लो राम, ले लो राम!

मुझे अपनी शरण में ले लो राम!


तू ने लाखोँ पापी तारे

मेरी बारी बाजी हारे, बाजी हारे

मेरे पास न पुण्य की पूँजी

पद पूजन में ले लो राम, ले लो राम!

मुझे अपनी शरण में ले लो राम!


राम हे राम, राम हे राम

दर दर भटकूँ घर घर अटकूँ

कहाँ कहाँ अपना सर पटकूँ

इस जीवन में मिलो न तुम तो राम, हे राम!

इस जीवन में मिलो न तुम तो,

मुझे मरण में ले लो राम, ले लो राम!


मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!

लोचन मन में जगह न हो तो

जुगल चरण में ले लो राम, ले लो राम!

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अष्टमी-नवमी एक ही दिन क्यों पड़ेगी

चैत्र नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इन दिनों में विशेष पूजा, उपवास और साधना करने से भक्तों को मनोवांछित फल प्राप्त होता है।

चैत्र नवरात्रि के 3 शुभ योग

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह साल में चार बार आती है, जिनमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि को गृहस्थ लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं, जबकि माघ और आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।

नवरात्रि कलश स्थापना नियम

हर साल चैत्र नवरात्रि चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से शुरू हो रही है। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है, जिसका विशेष महत्व माना जाता है।

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कहा जाता है कि जहां शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाती है, वहां मां दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहती है और संकटों के बादल कभी नहीं मंडराते, ऐसी मान्यता है।

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