मुझे तूने मालिक,
बहुत कुछ दिया है ।
तेरा शुक्रिया है,
तेरा शुक्रिया है ।
तेरा शुक्रिया है,
तेरा शुक्रिया है ।
मुझे तूने मालिक,
बहुत कुछ दिया है ।
तेरा शुक्रिया है,
तेरा शुक्रिया है ।
ना मिलती अगर,
दी हुई दात तेरी ।
तो क्या थी ज़माने में,
औकात मेरी ।
ये बंदा तो तेरे,
सहारे जिया है ।
तेरा शुक्रिया है,
तेरा शुक्रिया है ।
॥ मुझे तूने मालिक...॥
ये जायदाद दी है,
ये औलाद दी है ।
मुसीबत में हर वक़्त,
मदद की है ।
तेरे ही दिया मैंने,
खाया पिया है ।
तेरा शुक्रिया है,
तेरा शुक्रिया है ।
॥ मुझे तूने मालिक...॥
मेरा ही नहीं तू,
सभी का है दाता ।
सभी को सभी कुछ,
है देता दिलाता ।
जो खाली था दामन,
तूने भर दिया है ।
तेरा शुक्रिया है,
तेरा शुक्रिया है ।
॥ मुझे तूने मालिक...॥
तेरी बंदगी से,
मै बंदा हूँ मालिक ।
तेरे ही करम से,
मै जिन्दा हूँ मालिक ।
तुम्ही ने तो जीने के,
काबिल किया है ।
तेरा शुक्रिया है,
तेरा शुक्रिया है ।
॥ मुझे तूने मालिक...॥
मेरा भूल जाना,
तेरा ना भुलाना ।
तेरी रहमतो का,
कहाँ है ठिकाना ।
तेरी इस मोहब्बत ने,
पागल किया है ।
तेरा शुक्रिया है,
तेरा शुक्रिया है ।
॥ मुझे तूने मालिक...॥
मुझे तूने मालिक,
बहुत कुछ दिया है ।
तेरा शुक्रिया है,
तेरा शुक्रिया है ।
तेरा शुक्रिया है,
तेरा शुक्रिया है ।
सीताराम राम राम,
सीताराम राम राम
सीताराम राम राम,
सीताराम राम राम
सीताराम राम राम,
सीताराम राम राम
सीताराम राम राम,
सीताराम राम राम
भारतीय परंपरा में मनोकामना पूर्ति और विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मंत्रों का जाप एक प्राचीन प्रथा है। इन मंत्रों में से एक विशिष्ट श्रेणी, जिसे शाबर मंत्र कहा जाता है अपनी प्रभावशीलता और सरलता के लिए विशेष रूप से जानी जाती है।
हिंदू धर्म और सनातन परंपरा में मंत्रों का विशेष महत्व है। इनके उच्चारण से ना सिर्फ आध्यात्मिक उन्नति होती है। बल्कि, यह मानसिक और शारीरिक शांति भी प्रदान करता है।
दिक मंत्र सदियों से सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म का अभिन्न हिस्सा रहा हैं। ये मंत्र प्राचीन वैदिक साहित्य से उत्पन्न हुए हैं और इनका उल्लेख वेदों, उपनिषदों और अन्य धर्मग्रंथों में भी मिलता है।
देव है ये भोले भक्तो का,
खुद भी भोला भाला,