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शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो जाने रहा है। 3 अक्तूबर को घटस्थापना के साथ ही नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूरे विधि-विधान से पूजा और उपासना शुरु हो जाएगी। इस दौरान नौ दिनों तक माता दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। हर दिन का विशेष महत्व होता है। 3 अक्टूबर को कलश स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। इसके बाद क्रमशः ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कत्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। 10 अक्टूबर को महाअष्टमी और 11 अक्टूबर को महानवमी पड़ेगी। इसके बाद 12 अक्टूबर को विसर्जन के साथ नवरात्रि का समापन होगा। नवरात्रि के ये नौ दिन बहुत ही पवित्र माने जाते हैं। इस दौरान भक्त माता को प्रसन्न के लिए उपवास या व्रत भी रखते हैं। अगर आप पहली बार नवरात्रि में व्रत रखने जा रहें हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आईये जानते हैं नवरात्रि के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और व्रत के दौरान किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए..
कहा जाता है कि मां इन 9 दिनों में अपने भक्तों के घर आती हैं। ऐसे में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि मां स्वच्छता की तरफ ही अपने कदम बढ़ाती हैं। जहां मां के कदम धरती चूमते हैं वहां खुशहाली आती है। दरिद्रता का वास नहीं रहता। माता के इन 9 दिनों में भूलकर भी किसी का दिल न दुखाएं। भूखे को खाना खिलाएं, प्यासे को पानी पिलाएं। गरीब की जितनी हो सके मदद करें।
नवरात्रि में मां की विधि विधान से पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार इन दिनों में रखे गए व्रत का कई गुना फल मिलता है। वैसे तो नवरात्रि में 9 दिनों तक व्रत रखने की परंपरा है, परंतु कुछ लोग सिर्फ पहली, अष्ठमी और नवमी का ही उपवास रखते हैं। व्रत करने से शारीरिक, मानसिक और धार्मिक लाभ मिलते हैं। मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में व्रत रखने से मन, तन और आत्मा शुद्ध होती है। नवरात्रि के दिनों में 9 दिनों तक व्रत रखकर हम अपने मन, तन और आत्मा का शुद्धिकरण कर सकते हैं। इन दिनों में व्रत करने से विशेष फल मिलता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इन दिनों में व्रत रखने से मां प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
धार्मिक पुराणों के अनुसार मां का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए देवताओं ने भी नवरात्रि के 9 दिनों का उपवास रखा था। देवराज इंद्र ने राक्षस वृत्रासुर का वध करने के लिए मां दुर्गा की पूजा अर्चना और नवरात्रि व्रत रखे। यही नहीं भगवान शिव ने त्रिपासुर दैत्य का वध करने के लिए मां भगवती की पूजा अर्चना की। जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने मधु नामक असुर का वध करने के लिए मां दुर्गा की पूजा अर्चना की। भगवान श्री राम ने भी रावण का वध करने के लिए मां दुर्गा की पूजा अर्चना की और नवरात्रि के व्रत किए। देवी मां के आशीर्वाद से ही भगवान राम को अमोघ वाण प्राप्त हुआ, जिससे वो रावण का वध कर पाए। पांडवों ने भी विजय के लिए देवी मां की उपासना की थी।
- नवरात्रि के दौरान व्रत करने वाले लोग अपनी दाढ़ी-मूंछ एवं बाल को कटवाने से यानी क्षौर कर्म करने से दूर रहें।
- यदि कलश स्थापित किया है तो पूरे दस दिनों तक अखण्ड जोत जलाते हुए उस स्थान को खाली ना छोड़ें।
- नौ दिन तामसी भोजन का सेवन बिल्कुल ना करें, अपने घर पर लहसुन प्याज के सेवन से दूर रहें।
- व्रत करने वाले व्यक्ति इन दिनों अनाज का सेवन ना करें, बल्कि फलाहार करें।
- पुराणों के अनुसार ऐसा माना गया है कि दिन के समय सोना वर्जित है।
- व्रत के समय में मांस-मदिरा, एवं तम्बाकू का सेवन पूर्ण रूप से वर्जित है।
- इसके अलावा किसी का दिल दुखाना, झूठ बोलना, चोरी करना, किसी जीव की हत्या करना, कपट करने जैसे कृत्य भी नहीं करना चाहिए।
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