अक्षय तृतीया पर इन पांच स्थानों पर जलाएं दीपक

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया के दिन घर के इन 5 स्थानों पर जलाएं दीपक, इससे दूर होती है दरिद्रता  


अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि स्वयं में ही अबूझ मानी जाती है, अर्थात् इस दिन किसी भी शुभ कार्य को बिना मुहूर्त के किया जा सकता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है, और दीपक जलाने की परंपरा का भी विशेष महत्व होता है।


घर के चौखट पर दीपक जलाने से आती है मां लक्ष्मी 

घर के मुख्य द्वार को माता लक्ष्मी का प्रवेश द्वार माना जाता है। इस स्थान पर दीपक जलाने से न केवल देवी लक्ष्मी का घर में आगमन होता है, बल्कि इसे धन की वृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। इससे घर में सकारात्मकता का संचार होता है।


भगवान कुबेर की दिशा में जलाएं दीपक 

उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा कहा गया है, जो धन के देवता माने जाते हैं। साथ ही, यह दिशा मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि यदि उत्तर दिशा में दीपक जलाया जाए, तो घर में समृद्धि और आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।


रसोई घर में दीपक जलाने से नहीं होती है कभी अनाज की कमी

रसोईघर को अन्न की देवी, मां अन्नपूर्णा का स्थान माना जाता है। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन इस स्थान पर दीपक जलाने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। साथ ही, इसे भंडार की पूर्ति का प्रतीक माना जाता है।


अक्षय तृतीया पर जलायें तालाब और नदियों के किनारे दीपक 

अगर आपके घर के पास कुआं, तालाब या नदी मौजूद है, तो वहां दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है। क्योंकि जल को जीवन का आधार कहा गया है, इसलिए ऐसे स्थानों पर दीपदान करने से जीवन में सफलता और शुद्धता का प्रवाह बना रहता है।


पूजा स्थल पर दीपक जलाने से आती है सकारात्मकता 

पूजा स्थल को घर का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। यहां दीपक जलाने से घर में शांति, सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शुद्धता का संचार होता है। 


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