मुश्किल करे आसान जो, वो नाम तो हनुमान है (Mushkil Kare Aasan Jo Vo Naam To Hanuman Hai)

मुश्किल करे आसान जो,

वो नाम तो हनुमान है,

ये बल के अतुलित धाम है,

महादेव के अवतार है ॥


सियाराम के कारज सँवारे,

लखन जी के प्राण उबारे,

राम जो सबके सहारे,

तुम बने उनके सहारे,

दुःख सिंधु से करे पार जो,

वो नाव तो हनुमान है,

मुश्किल करें आसान जो,

वो नाम तो हनुमान है ॥


जिस मुख में इनका नाम है,

चिंता की फिर क्या बात है,

भटके नहीं जग में कभी,

जो हाथ इनके हाथ है,

कर दे असंभव को भी संभव,

मंत्र वो हनुमान है,

मुश्किल करें आसान जो,

वो नाम तो हनुमान है ॥


मुश्किल करे आसान जो,

वो नाम तो हनुमान है,

ये बल के अतुलित धाम है,

महादेव के अवतार है ॥

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क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति

सनातन हिंदू धर्म में सूर्य देवता से जुड़े कई प्रमुख त्‍योहार मनाने की परंपरा है। इन्‍हीं में से एक है मकर संक्रांति। शास्‍त्रों में मकर संक्रांति पर स्‍नान-ध्‍यान और दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

श्री झूलेलाल चालीसा (Shri Jhulelal Chalisa)

जय जय जल देवता,जय ज्योति स्वरूप ।
अमर उडेरो लाल जय,झुलेलाल अनूप ॥

हनुमान जयंती साल में 2 बार क्यों मनाते हैं

हिंदू धर्म में रामभक्त हनुमान का विशेष स्थान है। संकटमोचन हनुमान को प्रसन्न करने के लिए साल में दो बार हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भक्त हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड और वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं।

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी (Jyeshth Maas Ki Shukla Paksh Ki Nirjala Ekaadashi)

एक समय महर्षि वेद व्यास जी महाराज युधिष्ठिर के यहाँ संयोग से पहुँच गये। महाराजा युधिष्ठिर ने उनका समुचित आदर किया, अर्घ्य और पाद्य देकर सुन्दर आसन पर बिठाया, षोडशोपचार पूर्वक उनकी पूजा की।

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