मुश्किल करे आसान जो,
वो नाम तो हनुमान है,
ये बल के अतुलित धाम है,
महादेव के अवतार है ॥
सियाराम के कारज सँवारे,
लखन जी के प्राण उबारे,
राम जो सबके सहारे,
तुम बने उनके सहारे,
दुःख सिंधु से करे पार जो,
वो नाव तो हनुमान है,
मुश्किल करें आसान जो,
वो नाम तो हनुमान है ॥
जिस मुख में इनका नाम है,
चिंता की फिर क्या बात है,
भटके नहीं जग में कभी,
जो हाथ इनके हाथ है,
कर दे असंभव को भी संभव,
मंत्र वो हनुमान है,
मुश्किल करें आसान जो,
वो नाम तो हनुमान है ॥
मुश्किल करे आसान जो,
वो नाम तो हनुमान है,
ये बल के अतुलित धाम है,
महादेव के अवतार है ॥
बुद्ध पूर्णिमा, जिसे बुद्ध जयंती भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म का प्रमुख पर्व है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की तिथि के रूप में मनाया जाता है। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 12 मई, सोमवार को है।
नारद जयंती, देवर्षि नारद के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व 13 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह दिन वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, जो देवर्षि नारद के जन्म का प्रतीक है।
हिंदू धर्म के महान ऋषि और भगवान विष्णु के परम भक्त, नारद मुनि की जयंती को 'नारद जयंती' के रूप में मनाया जाता है। यह दिन वैषाख मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को पड़ता है, जो इस साल 13 मई को है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, वृषभ संक्रांति एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है, जब सूर्य देव एक राशि से निकलकर अगली राशि में प्रवेश करते हैं। वृषभ संक्रांति उस दिन को कहा जाता है जब सूर्य मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं।