ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते हैं (Na Jane Kaun Se Gun Par Dayanidhi Reejh Jate Hain)

ना जाने कौन से गुण पर,

दयानिधि रीझ जाते हैं ।

यही सद् ग्रंथ कहते हैं,

यही हरि भक्त गाते हैं ॥

॥ कि ना जाने कौन से गुण पर..॥


नहीं स्वीकार करते हैं,

निमंत्रण नृप सुयोधन का ।

विदुर के घर पहुँचकर भोग,

छिलकों का लगाते हैं ॥

॥ कि ना जाने कौन से गुण पर..॥


न आये मधुपुरी से गोपियों की,

दु:ख व्यथा सुनकर ।

द्रुपदजा की दशा पर,

द्वारका से दौड़े आते हैं ॥

॥ कि ना जाने कौन से गुण पर..॥


न रोये बन गमन में,

श्री पिता की वेदनाओं पर ।

उठा कर गीध को निज गोद में ,

आँसु बहाते हैं ॥

॥ कि ना जाने कौन से गुण पर..॥


कठिनता से चरण धोकर,

मिले कुछ 'बिन्दु' विधि हर को ।

वो चरणोदक स्वयं केवट के,

घर जाकर लुटाते हैं ॥

॥ कि ना जाने कौन से गुण पर..॥


ना जाने कौन से गुण पर,

दयानिधि रीझ जाते हैं ।

यही सद् ग्रंथ कहते हैं,

यही हरि भक्त गाते हैं ॥


........................................................................................................
दया करो हे दयालु गणपति (Daya Karo Hey Dayalu Ganpati)

शरण में आये है हम तुम्हारी,
दया करो हे दयालु गणपति,

सामा चकेवा का त्योहार

सामा चकेवा एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है। इसे विशेषकर उत्तर भारत में मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहनों के प्यार और संबंध को समर्पित है।

भानु सप्तमी के विशेष उपाय

भानु सप्तमी हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखती है, जो सूर्य देव को समर्पित होती है। इस दिन सूर्य देव की पूजा और उपासना से न केवल जीवन में तेज और ऊर्जा प्राप्त होती है, बल्कि आयु, स्वास्थ्य और समृद्धि में भी वृद्धि होती है।

ओ माँ पहाड़ावालिये, सुन ले मेरा तराना (O Maa Pahadan Waliye Sun Le Mera Tarana)

ओ माँ पहाड़ावालिये,
सुन ले मेरा तराना ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने