प्रेम मुदित मन से कहो,
राम राम राम ।
श्री राम, राम राम ।
श्री राम, राम राम ।
श्री राम, राम राम ।
जय राम, राम राम ।
पाप कटें दुःख मिटें,
लेत राम नाम ।
भव समुद्र सुखद नाव,
एक राम नाम ॥
श्री राम, राम राम
श्री राम, राम राम
श्री राम, राम राम
जय राम, राम राम
परम शांति सुख निधान,
नित्य राम नाम ।
निराधार को आधार,
एक राम नाम ॥
श्री राम, राम राम
श्री राम, राम राम
श्री राम, राम राम
जय राम, राम राम
परम गोप्य परम इष्ट,
मंत्र राम नाम ।
संत हृदय सदा बसत,
एक राम नाम ॥
श्री राम, राम राम
श्री राम, राम राम
श्री राम, राम राम
जय राम, राम राम
महादेव सतत जपत,
दिव्य राम नाम ।
कासी मरत मुक्ति करत,
कहत राम नाम ॥
श्री राम, राम राम
श्री राम, राम राम
श्री राम, राम राम
जय राम, राम राम
मात पिता बंधु सखा,
सब ही राम नाम ।
भक्त जनन जीवन धन,
एक राम नाम ॥
श्री राम, राम राम
श्री राम, राम राम
श्री राम, राम राम
जय राम, राम राम
प्रेम मुदित मन से कहो,
राम राम राम
श्री राम, राम राम
श्री राम, राम राम
श्री राम, राम राम
जय राम, राम राम
आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है।
सनातन धर्म में कुंभ संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और दान करने की परंपरा है। क्योंकि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान-पुण्य करने से सूर्य देव की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है।
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके उपरांत हिंदू नववर्ष शुरू होगा। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है।