रिद्धी सिद्धी दातार,
तुमसे गये देवता हार,
तेरी हो रही जय जयकार,
गौरी शंकर के प्यारे ॥
देवों में हुई लड़ाई,
मैं बड़ा हूँ तुम छोटे हो,
ब्रह्मा के पास निर्णय को,
आये छोटे मोटे है,
सुनकर के ब्रह्मा ने,
सुनकर के ब्रह्मा ने,
मन ही मन कियो विचार,
रिध्धि सिद्धी दातार,
तुमसे गये देवता हार,
तेरी हो रही जय जयकार,
गौरी शंकर के प्यारे ॥
बोले ब्रह्मा श्रष्टि की,
परिक्रमा प्रथम लगाओ,
आए जो सबसे पहले,
वो परम पुरुष कहलाए,
उठ करके दौड़े है,
उठ करके दौड़े है,
सब हो सवार असवार,
रिध्धि सिद्धी दातार,
तुमसे गये देवता हार,
तेरी हो रही जय जयकार,
गौरी शंकर के प्यारे ॥
बोले गणेश सृष्टि के,
साक्षात रूप पितु माता,
इनको तज कर क्यो भटके,
ये देव समझ नही आता,
उठ करके पितु मां की,
उठ करके पितु मां की,
करी परिक्रमा भारी,
रिध्धि सिद्धी दातार,
तुमसे गये देवता हार,
तेरी हो रही जय जयकार,
गौरी शंकर के प्यारे ॥
सबसे पहले जा करके,
ब्रह्मा को शीश झुकाया,
चतुराई जान पितामह,
हस करके कंठ लगाया,
धन्य धन्य है जय जय हो,
धन्य धन्य है जय जय हो,
तेरे चरण कमल बलिहार,
रिध्धि सिद्धी दातार,
तुमसे गये देवता हार,
तेरी हो रही जय जयकार,
गौरी शंकर के प्यारे ॥
रिद्धी सिद्धी दातार,
तुमसे गये देवता हार,
तेरी हो रही जय जयकार,
गौरी शंकर के प्यारे ॥
सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, जो हर माह अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। 2025 में पहली मासिक दुर्गाष्टमी 7 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन मां दुर्गा का पूजन और व्रत किया जाता है। जो भी इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत करता है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक किया जाएगा। इस पवित्र पर्व में लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से शामिल होंगे। इस दौरान वे संगम नदी पर स्नान करेंगे। महाकुंभ में इस स्नान का बहुत महत्व है। माना जाता है कि महाकुंभ में स्नान से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
महाकुंभ मेला सनातन धर्म में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है। यह मेला चार प्रमुख स्थानों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित किया जाता है।
हर साल माघ माह के दौरान कल्पवास के लिए प्रयागराज में भक्तों का जमावड़ा होता है, लेकिन इस बार का महाकुंभ माघ माह में होने के कारण इस संख्या में दोगुना इजाफा होने की उम्मीद है।