सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
मैं वारि मैं वारि वारि जावा,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
मैं वारि मैं वारि वारि जावा,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
हत्था ते लिख दे सेवा गुरा दी,
सेवा गुरा दी सेवा गुरा दी,
सेवा करदी कदे वी ना थका,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
मैं वारि मैं वारि वारि जावा,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
पैरा च लिख दे सत्संग जाना,
सत्संग जाना सत्संग जाना,
सत्संग जांदी कदे वी ना थका,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
मैं वारि मैं वारि वारि जावा,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
अखा च लिख दे दर्शन प्यारे,
दर्शन प्यारे दर्शन प्यारे,
दर्शन करदी कदे वी ना थका,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
मैं वारि मैं वारि वारि जावा,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
स्वासा च लिख दे नाम गुरा दा,
नाम गुरा दा नाम गुरा दा,
नाम जपदी कदे वी ना थका,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,
मैं वारि मैं वारि वारि जावा,
के सोहने सोहने लेख लिख दे
शरद पूर्णिमा के समापन के बाद कार्तिक मास की शुरुआत हो जाती है। हिंदू धर्म में कार्तिक मास को विशेष महत्व प्राप्त है। इस महीने जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है।
सनातन धर्म में श्री ब्रह्मा, श्री विष्णु और श्री महेश तीनों को सभी देवी देवताओं में श्रेष्ठ माना गया है। इनसे जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं।
सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को अत्यंत शुभ और पूजनीय माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है।
इस वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी जिसे देवउठनी एकादशी, देवोत्थान या देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता हैं 12 नवंबर को मनाई जाएगी।