सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे(Satguru Mere Kalam Hath Tere)

सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

हत्था ते लिख दे सेवा गुरा दी,

सेवा गुरा दी सेवा गुरा दी,

सेवा करदी कदे वी ना थका,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


पैरा च लिख दे सत्संग जाना,

सत्संग जाना सत्संग जाना,

सत्संग जांदी कदे वी ना थका,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


अखा च लिख दे दर्शन प्यारे,

दर्शन प्यारे दर्शन प्यारे,

दर्शन करदी कदे वी ना थका,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


स्वासा च लिख दे नाम गुरा दा,

नाम गुरा दा नाम गुरा दा,

नाम जपदी कदे वी ना थका,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे

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सोमवती अमावस्या व्रत कथा

अमावस्या का हिंदू धर्म में खास महत्व होता है। सोमवार को पड़ने की वजह से इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दौरान पितरों की पूजा होती है। दिसंबर माह में सोमवती अमावस्या सोमवार, 30 दिसंबर 2024 को है।

रंग पंचमी का महत्व और मुहूर्त

रंग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन आसमान में गुलाल उड़ाने की परंपरा है, जिसे देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है।

गौरी के लाल तुमको, सादर नमन हमारा (Gauri Ke Lal Tumko Sadar Naman Hamara)

गौरी के लाल तुमको,
सादर नमन हमारा,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना (Main Chahu Sada Dar Tere Aana)

मैं चाहूँ सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,

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