शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे (Sherawali Ke Darbar Mein Rang Barse)

रंग बरसे देखो रंग बरसे,

रंग बरसे देखो रंग बरसे,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,

अम्बेवाली दे दरबार में रंग बरसे,

ढोल नगाड़ों ढोलक बजे,

ढोल नगाड़ों ढोलक बजे,

सारे भगत यहाँ झूम के नाचे,

सारे भगत यहाँ झूम के नाचे,

माँ को मनाये सब नच नच के,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,


सब से ऊँचा धाम तुम्हारा,

सब से ऊँचा धाम तुम्हारा,

जग में पावन नाम तुम्हारा,

जग में पावन नाम तुम्हारा,

जग जाए किस्मत दर्शन से,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,

जोता वाली के दरबार में रंग बरसे,


भक्तो के सब काम बनाये,

भक्तो के सब काम बनाये,

जब भी पुकारे मैया दौड़ी आये,

जब भी पुकारे मैया दौड़ी आये,

काट दिये संकट जन जन के,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,

जोता वाली के दरबार में रंग बरसे,

मोहन कौशिक वो तर जाते,

मोहन कौशिक वो तर जाते,

जो सुख में सुमरन कर पाते,

जो सुख में सुमरन कर पाते,

गये हरीश भी तन मन से,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,

जोता वाली के दरबार में रंग बरसे,


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षटतिला एकादशी में तुलसी का महत्व

हिंदू धर्म में पूरे साल में आने वाली सभी 24 एकादशियों में से प्रत्येक को विशेष माना जाता है। उन्हीं में से एक षटतिला एकादशी है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी कहते हैं।

राम कहने से तर जाएगा (Ram Kahne Se Tar Jayega Par Bhav Se Utar Jayega)

राम कहने से तर जाएगा,
पार भव से उतर जायेगा।

होलाष्टक पर भूलकर भी ना करें ये गलती

होलाष्टक की तिथि शुभ कार्य के लिए उचित नहीं मानी जाती है, इन तिथियों के अनुसार इस समय कुछ कार्य करने से सख्त मनाही होती है। क्योंकि इन्हीं दिनों में भक्त प्रह्लाद पर उनके पिता हिरण्यकश्यप ने बहुत अत्याचार किया था।

भोले ने जिसे चाहा, मस्ताना बना डाला (Bhole Ne Jise Chaha Mastana Bana Dala)

भोले ने जिसे चाहा,
मस्ताना बना डाला ॥

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