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तू मेरा राखा सबनी थाई - गुरुवाणी शब्द कीर्तन (Tu Mera Rakha Sabni Thai)

तू मेरा राखा सबनी थाई - गुरुवाणी शब्द कीर्तन (Tu Mera Rakha Sabni Thai)

तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी,

तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी


तुम्हारी किरपा ते तुद पछाणा,

तू मेरी ओट तू हैं मेरा माना

तू मेरी ओट तू हैं मेरा माना

तुझ बिन दूजा अवार ना कोई

सब तेरा खेल पासारो जी,

सब तेरा खेल पासारो जी

तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी,


जिय जंत सब तुद उपाए,

जित जित भाणा तित तित लाये

सब किछ किता तेरा होवै

सब किछ किता तेरा होवै

नाही किछ असाडा जियो,

नाही किछ असाडा जियो

तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी,


नाम ध्याये महा सुख पाया,

हर गुण गाऐ मेरा मन सितलाया

गुरु पुरे वाजी वधाई

नानक जिता बिखाङा जी,

नानक जिता बिखाङा जी,

तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी,


तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी,

तू मेरा राखा, सबनी थाई

तां भौ के हा काढा जी,

तां भौ के हा काढा जी,

तू मेरा पिता, तू हैं मेरा माता

तू मेरा बंधप, तू मेरा भ्राता

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द्वारे चलिए मैय्या के द्वारे चलिए

द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए
द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

आते हैं हर साल नवराते माता के

हो, चैत महीना और अश्विन में, ओ..
चैत महीना और अश्विन में, आते मां के नवराते।
मुंह मांगा वर उनको मिलता, जो दर पे चलके आते।

अम्बा माई उतरी हैं बाग में हो मां (Amba Mai Utari Hai Baag Me)

अम्बा माई उतरी हैं बाग में हो मां।
(मैय्या, अम्बा माई उतरी हैं बाग में हो मां।)

मोरी मैय्या की चूनर उड़ी जाए

धीरे चलो री, पवन धीरे - धीरे चलो री।
धीरे चलो री पुरवइया।

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