मेरी आस तू है माँ, विश्वास तू है माँ(Meri Aas Tu Hai Maa Vishwas Tu Hai Maa)

मेरी आस तू है माँ,

विश्वास तू है माँ,

मेरी हर ख़ुशी का अब,

आगाज़ तू है माँ,

दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,

ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे ॥


ग़म के थपेड़े ये,

कैसे सहें मैया,

एक बार आके माँ,

तू थाम ले बइयाँ,

वरना मैं समझूंगा नाराज़ तू है माँ,

मेरी हर ख़ुशी का अब,

आगाज़ तू है माँ,

दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,

ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे ॥


कितनी करूँ कोशिश,

कोई काम नहीं बनता,

दिल पे लगे ज़ख्मो का,

माँ दर्द नहीं थमता,

करदे करम मुझपे मोहताज हूँ मैं माँ,

मेरी हर ख़ुशी का अब,

आगाज़ तू है माँ,

दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,

ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे ॥


किस्मत मेरी मैया,

क्यों मुझसे रूठ गई,

इसके संवरने की,

उम्मीद भी टूट गई,

कल तक अकेला था पर आज तू है माँ,

मेरी हर ख़ुशी का अब,

आगाज़ तू है माँ,

दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,

ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे ॥


नैया भंवर में है,

तुझको पुकारा माँ,

सूझे नहीं रस्ता,

तुझको निहारा माँ,

‘हरी’ हार नहीं सकता गर साथ तू है माँ,

मेरी हर ख़ुशी का अब,

आगाज़ तू है माँ,

दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,

ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे ॥


मेरी आस तू है माँ,

विश्वास तू है माँ,

मेरी हर ख़ुशी का अब,

आगाज़ तू है माँ,

दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,

ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे ॥

........................................................................................................
मत्स्य द्वादशी के विशेष उपाय

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मत्स्य द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार को समर्पित है।

जल देवता की पूजा कैसे करें?

हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं के एक विशेष स्थान और महत्व है। सभी देवी-देवताओं की पूजा भी विशेष रूप से करने का विधान हैं। वहीं देवी-देवताओं के साथ-साथ पंचतत्व की पूजा-अर्चना भी विशेष रूप की जाती है।

अरे माखन की चोरी छोड़ साँवरे मैं समझाऊँ तोय (Are Makhan Ki Chori Chhod Sanvare Main Samjhau Toye)

अरे माखन की चोरी छोड़,
साँवरे मैं समझाऊँ तोय,

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन (Hey Dukh Bhanjan Maruti Nandan)

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने