स्कूल बैग कौन से रंग का लेना चाहिए?

School Bag Vastu Tips: स्कूल बैग का रंग भी तय करता है बच्चों की किस्मत, जानिए ज्योतिष के अनुसार कौन से रंग का बैग लेना चाहिए 


आज के समय में हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई में अव्वल रहे। इसके लिए वे स्कूल, ट्यूशन, कोचिंग और ऑनलाइन क्लासेस तक हर संभव प्रयास करते हैं। वहीं बच्चे भी कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन कई बार मेहनत के बावजूद उन्हें वांछित परिणाम नहीं मिलते। 

ऐसी स्थिति में जरूरी है कि हम सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि उससे जुड़े हर छोटे-बड़े पहलू पर ध्यान दें। वास्तु और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बच्चों के स्कूल बैग से जुड़ी कुछ जरूरी बातें उनकी पढ़ाई पर सकारात्मक या नकारात्मक असर डाल सकती हैं।


ज्योतिष के अनुसार बैग का रंग क्या कहता है?

रंगों का बच्चों की मानसिकता पर गहरा प्रभाव होता है और यह असर पढ़ाई पर भी दिख सकता है।

  • हरा रंग गणेश जी और बुध ग्रह का प्रतीक है। यह विवेक, संवाद और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाता है।
  • पीला रंग बृहस्पति ग्रह का है, जिसे विद्या और ज्ञान का कारक माना जाता है।
  • नारंगी, केशरिया और सुनहरा रंग सूर्य से जुड़े हैं। सूर्य आत्मबल, आत्मविश्वास और यश का प्रतीक है।
  • सफेद रंग चंद्रमा और सरस्वती माता से जुड़ा होता है, जो एकाग्रता और अध्ययन में रुचि बढ़ाता है।
  • लाल, हल्का लाल या सिंदूरी रंग मंगल ग्रह का होता है जो ऊर्जा देता है और पढ़ाई में आने वाली बाधाओं को दूर करता है।
  • चमकीला सफेद और गुलाबी रंग शुक्र ग्रह से जुड़े होते हैं और बच्चे को विवेकी और जागरूक बनाते हैं।

इसके विपरीत, काला और गहरा नीला रंग राहु और शनि ग्रह का प्रतीक माने जाते हैं। यह रंग पढ़ाई में रुकावट पैदा कर सकते हैं, जिससे बच्चा पढ़ा हुआ भूल सकता है या उसकी प्रगति धीमी हो सकती है। इसलिए बैग का चुनाव करते समय इन रंगों से बचना बेहतर होता है।


स्कूल बैग को रखने का सही तरीका और दिशा

वास्तुशास्त्र के अनुसार, सिर्फ बैग का रंग ही नहीं बल्कि उसे रखने की दिशा और स्थिति भी मायने रखती है।

  • बैग को कभी भी टेढ़ा या लिटाकर न रखें, न ही घर में और न ही स्कूल वैन या बस में। हमेशा उसे सीधा और व्यवस्थित तरीके से रखें।
  • स्कूल से लौटने के बाद बैग को ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में रखना शुभ होता है। इसके अलावा पूर्व, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व दिशा भी उपयुक्त मानी जाती है।


बैग के अंदर क्या रखें, क्या नहीं?

बच्चों की आदत होती है कि वे बैग में कई बार फटे पेज, पेंसिल की शार्पनिंग, टूटी पेंसिल, बेकार स्टेशनरी या खेल-खिलौने भी रख लेते हैं। वास्तु के अनुसार, बैग में ऐसी चीजें नकारात्मक ऊर्जा लाती हैं और पढ़ाई में रुकावट पैदा कर सकती हैं।

  • बैग हमेशा साफ-सुथरा और अनावश्यक वस्तुओं से मुक्त होना चाहिए।
  • किताबें और कॉपियां बैग में एक ही दिशा में व्यवस्थित होनी चाहिए।
  • सबसे बड़ी किताब या कॉपी सबसे पीछे और फिर आकार के अनुसार छोटी किताबें आगे रखें। इससे बैग में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।


छोटी बातों से बड़ा फर्क

इन छोटे-छोटे उपायों का पालन करके न केवल बच्चे की एकाग्रता बढ़ाई जा सकती है, बल्कि उसका प्रदर्शन भी सुधर सकता है। कई बार हम सिर्फ पढ़ाई या ट्यूटर बदलकर हल ढूंढते हैं, जबकि असली समाधान हमारे आस-पास की आदतों और वस्तुओं में छिपा होता है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा पढ़ाई में सफल हो, तो उसके स्कूल बैग से जुड़ी इन ज्योतिषीय और वास्तुशास्त्रीय बातों का ध्यान जरूर रखें।


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