ग्रेगोरियन कैलेंडर की तरह एक हिंदू कैलेंडर भी होता है। इस कैलेंडर में भी 12 महीने होते हैं, जिसकी शुरुआत चैत्र के साथ होती है। यह महीना धार्मिक और अध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में चैत्र नवरात्रि, राम नवमी और हनुमान जयंती जैसे प्रमुख त्योहार आते हैं। खास बात है कि इस माह में किए गए कार्यों का असर साल भर रहता है। ऐसे में चैत्र माह में कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। 2025 में चैत्र माह की शुरुआत 15 मार्च से हो रही है। चलिए लेख के जरिए आपको बताते हैं कि चैत्र माह में क्या करें और किन कार्यों से परहेज करना चाहिए।
चैत्र माह में नवरात्रि, रामनवमी और हनुमान जन्मोत्सव जैसे कई त्योहार आते हैं। ऐसे में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। रामनवमी पर भगवान राम और हनुमान जयंती पर भगवान हनुमान की पूजा करना शुभ माना जाता है।
दान सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। इसलिए चैत्र माह के दौरान जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें। गरीबों को अन्न, जल और गुड़ दें। इसके साथ ही गौ सेवा करें और पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें।
चैत्र माह के दौरान सात्विक आहार ग्रहण करें। आप हरी सब्जियां, फल, दूध, छाछ और मेवे का सेवन कर सकते हैं। वहीं अगर उपवास कर रहे हैं तो फलाहार ही ग्रहण करें। इसके साथ ही सुबह जल्दी उठकर योग करें और अच्छी दिनचर्या को फॉलो करें।
चैत्र माह के दौरान तामसिक भोजन से दूरी बना लें। मांस, मदिरा और अन्य तामसिक पदार्थों का सेवन बिलकुल भी न करें। इनसे मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रभावित होती है।
चैत्र माह के दौरान नकारात्मकता से बचने की कोशिश करें। अपने मुख से अपशब्द न निकालें, किसी को गलत न कहें, क्रोध, ईर्ष्या का भाव अपने मन में न आने दें।
चैत्र माह में किए गए कार्यों का असर साल भर रहता है। इसलिए इस महीने में हिंसा से दूर रहें। जीवों पर दया करें और लोगों को माफ करते चलें। इसके अलावा प्रकृति को भी नुकसान न पहुंचाएं और पेड़ काटने जैसे कार्य न करें।
माघ का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह महीना भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पाना आसान होता है।
माघ का महीना हिंदू धर्म में पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। इस महीने में स्नान करने का विशेष महत्व है, जिसे माघ स्नान कहते हैं। मान्यता है कि माघ महीने में देवता पृथ्वी पर आते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।
हिंदू धर्म में सकट चौथ का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश और सकट माता की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और उनके जीवन में आने वाले संकटों को दूर करने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
सकट चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन भगवान गणेश के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है।