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एकदंत संकष्टी चतुर्थी तिथि

एकदंत संकष्टी चतुर्थी तिथि

Ekdant Sankashti Chaturthi 2025: 15 या 16  मई, एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब है? शुभ योग में होगी पूजा, जानें शुभ मुहूर्त


प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है। खासकर जब यह चतुर्थी एकदंत संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाई जाती है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखकर, भगवान गणेश की पूजा से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली एकदंत संकष्टी चतुर्थी की तिथि, मुहूर्त और उपाय।


एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष एकदंत संकष्टी चतुर्थी 16 मई 2025 को मनाई जाएगी। यह पर्व हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है। पंचांग के अनुसार, इस बार 16 मई को सुबह 04:02 बजे से चतुर्थी तिथि शुरू होगी और 17 मई को सुबह 05:13 बजे समाप्त होगी।


एकदंत संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:06 बजे से 04:48 बजे तक रहेगा।
  • विजया मुहूर्त: दोपहर 02:34 बजे से 03:28 बजे तक रहेगा।
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:04 बजे से 07:25 बजे तक रहेगा।
  • निशिता मुहूर्त: रात 11:57 बजे से 12:38 बजे तक रहेगा।


एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय का समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन चंद्रोदय का समय रात 11:39 बजे है। इस समय चंद्रमा का उदय होता है, जो पूजा के लिए अति शुभ माना जाता है।


एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर शुभ योग

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन खास शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सुबह 07:15 बजे तक सिद्ध योग रहेगा, इसके बाद साध्य योग का समय होगा। इन दोनों योगों में भगवान गणेश की पूजा करने से सभी प्रकार के कार्यों में सफलता मिलती है। इसके अलावा, शिववास योग भी पूरे दिन रहेगा, जिसमें भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। ऐसा माना जाता है कि इस समय में भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।


एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर करें ये खास उपाय

  • इस दिन भगवान गणेश के सामने घी का दीपक जलाकर संतान गणपति स्तोत्रम् का पाठ करें। इससे संतान के जीवन की लंबाई और कल्याण की कामना पूरी होती है।
  • इस दिन गणेश जी को दूर्वा अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। दूर्वा अर्पित करने से भगवान गणेश खुश होते हैं और भक्त को आशीर्वाद मिलता है।
  • भगवान गणेश को आंख के फूल अर्पित करें और उन्हें मोदक का भोग लगाएं। मोदक भगवान गणेश का प्रिय पकवान है, जिससे उनकी कृपा प्राप्त होती है। साथ ही, गरीबों को अन्न, जल, और धन का दान करें, ताकि पुण्य प्राप्त हो।

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