गणेश उत्सव हर भक्तों के लिए सबसे प्रतीक्षित त्योहारों में से एक है, और इसीलिए बप्पा का विसर्जन भी हर किसी के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है। इस स्थिति में पूजा पूरी करने और उनसे असीम आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सही समय पर विसर्जन करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
पंचांग के अनुसर, इस वर्ष भाद्रपद मास की चतुर्दशी तिथि 6 सितंबर, शनिवार सुबह 3:12 बजे से शुरू होगी और रविवार सुबह 1:41 बजे समाप्त होगी। चूंकि गणेश चतुर्थी 10 दिनों तक मनाई जाती है और विसर्जन चतुर्दशी तिथि को किया जाता है, इसलिए इस वर्ष 6 सितंबर का दिन शुभ होगा।
चतुर्दशी तिथि अपने आप में विसर्जन के लिए शुभ मानी जाती है, लेकिन इसमें कुछ शुभ मुहूर्त भी हैं जो अधिक विशेष हैं। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार, दोपहर से शाम तक का समय विसर्जन के लिए सबसे खास माना जाता है। इस समय विसर्जन करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और गणेश जी का आशीर्वाद लेकर विसर्जन की तैयारी करें। विसर्जन से पहले गणेश जी को मोदक, फल, और पुष्प अर्पित करें। फिर आरती कर पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।
‘ॐ गं गणपते नमः’ का मंत्र जाप करें। साथ में ‘वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥’ मंत्र का भी जाप करें। फिर भगवान गणेश की मूर्ति को फूलों और दुर्वा से सजाकर जल, नदी, तालाब या कृत्रिम जलकुंड में विसर्जित करें।