सनातन हिंदू धर्म में, कार्तिगाई का विशेष महत्व है। यह पर्व दक्षिण भारत में अधिक प्रचलित है। इस दिन लोग अपने घरों और आस-पास दीपक जलाते हैं। मासिक कार्तिगाई के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से भक्तों को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि इससे जीवन में सुख, शांति और सफलता की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन विधि पूर्वक पूजा से भक्तों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और तमाम संकट भी दूर हो जाते हैं। तो आइए, इस आर्टिकल में मासिक कार्तिगाई की पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मासिक कार्तिगाई पर पूजा करने का उचित समय सूर्यास्त से पहले का होता है। हालांकि, इस दिन पूजा करने का समय सुबह और शाम दोनों होता है।
यह व्रत भोर में शुरू होता है और शाम को खत्म होता है। इस दिन मंदिरों में भारी भीड़ होती है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है। इसे कार्तिकाई बह्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि यह पर्व खासतौर पर तमिलनाडु में मनाया जाता है।
दीपावली पर धन की देवी के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि, यश और वैभव आता है। ऐसे में हर व्यक्ति चाहता है कि वह माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त करे।
दीपावली का पर्व हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इसे अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस दिन धन की देवी महालक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है।
दिवाली पर माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है। सही विधि से पूजा करने और विशेष उपाय अपनाने से धन, सुख, और समृद्धि प्राप्त होती है। इससे आर्थिक तंगी दूर रहती है और माता लक्ष्मी जी की कृपा भी बनी रहती है।
दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। साफ-सफाई, शुभ रंगों और विशेष भोग से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। श्री यंत्र की स्थापना और दीप प्रज्वलन से सुख-समृद्धि का वास होता है।