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मासिक शिवरात्रि के दिन यह भोग लगाएं

मासिक शिवरात्रि के दिन यह भोग लगाएं

Masik Shivratri: पापों से मुक्ति और शिव का आशीर्वाद, भोलेनाथ को अर्पित करें ये भोग, हर इच्छा होगी पूरी!


मासिक शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित विशेष पर्व है, जो हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा और भोग अर्पण से व्यक्ति को मानसिक शांति, सुख-समृद्धि, और पापों से मुक्ति मिलती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को प्रिय भोग अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं। आइए जानते हैं इस बार मासिक शिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त, साथ ही भगवान शिव को अर्पित किए जाने वाले खास भोग।


जनवरी में इस दिन रखें मासिक शिवरात्रि व्रत | जानें तिथि और शुभ मुहूर्त


दृक पंचांग के अनुसार:


  • चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ: 27 जनवरी को सुबह 8:34 बजे।
  • चतुर्दशी तिथि का समाप्ति: 28 जनवरी को शाम 7:35 बजे।


इस प्रकार, मासिक शिवरात्रि का व्रत 27 जनवरी को रखा जाएगा। इस दिन पूजा और भोग अर्पण का शुभ मुहूर्त है।


मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को अर्पित किए जाने वाले खास भोग


1) मखाने की खीर:

भगवान शिव को मखाने की खीर का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह सुख और सौभाग्य का प्रतीक है।


2) मालपुआ:

मालपुए का भोग शिवजी को विशेष रूप से प्रिय है। इसे सादा या भांग के साथ अर्पित कर सकते हैं।


3) ठंडाई:

दूध, दही, मसाले और मेवे से बनी ठंडाई भगवान शिव को प्रसन्न करती है।


4)फल:

मौसमी फलों का भोग भगवान शिव को चढ़ाना शुभ होता है।


5) लस्सी:

दूध और दही से बनी मीठी या नमकीन लस्सी भी भोग में अर्पित की जा सकती है।


भगवान शिव की पूजा में अर्पित करें ये चीजें


1) बेलपत्र:

बेलपत्र का अर्पण भगवान शिव की पूजा में सबसे अधिक शुभ माना गया है। इसे शुद्ध जल से धोकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।


2) धतूरे के फूल:

शिवजी को धतूरे के फूल चढ़ाने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।


मासिक शिवरात्रि पर भोग और पूजा का महत्व


मासिक शिवरात्रि पर विधिपूर्वक पूजा करने और भगवान शिव को प्रिय भोग अर्पित करने से भक्तों को इच्छित फल की प्राप्ति होती है।


  • यह पूजा न केवल पापों का नाश करती है, बल्कि मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त करती है।
  • भगवान शिव का आशीर्वाद जीवन की समस्याओं को कम करता है और सुख-समृद्धि लाता है।
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शुक्रवार की आरती

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, किसी भी पूजा का समापन आरती और मंत्र जाप के साथ ही करना चाहिए। क्योंकि इसके बिना पूजा अधूरा माना जाता है।

शनिवार की आरती

हिंदू धर्म में शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है। साथ ही, जीवन में चल रही परेशानियों और ग्रह दोषों को दूर करने के लिए इस दिन व्रत भी रखा जाता है।

रविवार की आरती

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वैकासी विसाकम 2025

वैकासी विसाकम, जिसे विशाखा नक्षत्र के नाम से भी जाना जाता है, 2025 में 9 जून, सोमवार को मनाया जाएगा। यह तिथि तमिल पंचांग के अनुसार वैकासी मास के दौरान आती है जब चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में स्थित होता है।

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