मोहिनी एकादशी के उपाय

Mohini Ekadashi Upay: मोहिनी एकादशी पर करें तुलसी से जुड़े ये खास उपाय,  जीवन में कभी नहीं होगी धन की कमी, भगवान विष्णु होंगे खुश 


Mohini Ekadashi 2025 Upay: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है, खासकर जब बात भगवान विष्णु को समर्पित व्रत की हो। साल भर में 24 एकादशियां आती हैं, लेकिन वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा की जाती है। वर्ष 2025 में यह व्रत 8 मई को रखा जाएगा। मान्यता है की इस दिन विशेष रूप से तुलसी माता की पूजा करने और उनके खास उपाय करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और घर में कभी धन की कमी नहीं होती। तो चलिए जानते हैं इस दिन किए जाने वाले खास उपायों के बारे में….

मोहिनी एकादशी का महत्व

मोहिनी एकादशी व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन विधि पूर्वक व्रत रखता है और भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसके जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।

तुलसी के विशेष उपाय

तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। साथ ही इसमें मां लक्ष्मी का वास माना गया है। मोहिनी एकादशी के दिन तुलसी से जुड़े कुछ खास उपाय करने से जीवन में धन, सुख और शांति बनी रहती है। आइए जानते हैं इस दिन किए जाने वाले तुलसी से जुड़े खास उपायों के बारे में…

1. तुलसी की करें पूजा 
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद तुलसी के पौधे के आसपास की जगह को अच्छे से साफ करें। फिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।

2. तुलसी के पास जलाएं दीपक
तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं। मान्यता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।

3. अर्पित करें लाल चुनरी
तुलसी माता को लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं। ऐसा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में बरकत बनी रहती है।

4. करें तुलसी मंत्र और चालीसा का पाठ
मोहिनी एकादशी पर तुलसी मंत्रों का जाप करें, तुलसी चालीसा और आरती का पाठ करें। इससे जीवन के दुख-दर्द दूर होते हैं और मन को शांति मिलती है।

5. भोग में शामिल करें तुलसी
भगवान विष्णु को चढ़ाए जाने वाले भोग में तुलसी जरूर शामिल करें। इसके लिए एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ लें, क्योंकि एकादशी के दिन तुलसी को छूना वर्जित होता है।

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