Pitru Paksha Path: पितृपक्ष जिसे शारदापक्ष भी कहा जाता है, पूर्वजों को याद करने और उनकी पूजा करने का समय है। इस समय पितरों के लिए जो कुछ भी किया जाता है वह सीधे उनके पास पहुंचता है, जिससे परिवार से पितृदोष दूर होता है। ऐसे में कुछ खास पाठ होते हैं, जिन्हें करने से न केवल पितृ प्रसन्न होते हैं बल्कि आशीर्वाद भी देते हैं।
पितृपक्ष के समय में सुंदरकांड का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। सुंदरकांड, रामचरितमानस का वह भाग है जिसमें हनुमानजी की वीरता, समर्पण और भक्ति का वर्णन किया गया है। ऐसी मान्यता है कि, पितृपक्ष के समय जो व्यक्ति इसका पाठ करते हैं, उन पर आने वाली सभी कठिनाइयां दूर होती हैं। साथ ही, सुंदरकांड के पाठ से पितृ भी अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
सुंदरकांड का पाठ सुबह या शाम को करना चाहिए। इसके अलावा जिस स्थान पर आप इसे पढ़ते हैं वह स्थान भी स्वच्छ और शुद्ध होना चाहिए।
धर्मशास्त्र के अनुसार, पितृपक्ष में गीता का सातवां भाग अवश्य पढ़ना चाहिए, क्योंकि इसे फलदायी माना जाता है। गीता के इस भाग में भगवान श्री कृष्ण ज्ञान, भक्ति और योग के महत्व को बताते हैं। इस अंश को पढ़ने से पूर्वज संतुष्ट होते हैं, जिससे हमें उनका असीम आशीर्वाद प्राप्त होता है।