संकष्टी चतुर्थी के उपाय

Sankashti Chaturthi Upay 2025: जानिए संकष्टी चतुर्थी पर करने वाले उपाय, इनसे होती है सभी विघ्न-बाधा दूर 


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश का एक बहुत महत्वपूर्ण व्रत है, जो प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है की इस दिन विधिवत रूप से भगवान गणेश की पूजा-अर्चन के साथ कुछ विशेष उपाय करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

मंत्र जाप के बाद चढ़ाएं दूब, शमी और पीला फूल 

भगवान गणेश को दूर्वा (दूब) और शमी के पत्ते अत्यंत प्रिय है। इसलिए इसे चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं। धार्मिक रूप से पूजा के दौरान इन पत्तों को भगवान ूिीीगणेश अर्पित करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही, पूजा के समय ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का 11 बार जाप करना चाहिए और प्रत्येक जाप के बाद भगवान गणेश को पीले फूल चढ़ाना चाहिए। यह उपाय करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

संकष्टी चतुर्थी के दिन पीले वस्त्र पहनना होता है शुभ

  • संकष्टी चतुर्थी के दिन ऋणमुक्ति गणेश स्तोत्र का पाठ करें। इससे आर्थिक समस्याओं से निजात मिलता है और कर्ज से मुक्ति होती है।
  • संकष्टी चतुर्थी के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। पीला रंग समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है, जिससे जीवन में खुशहाली आती है।
  • भगवान गणेश की पूजा के समय घी का दीपक जलाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भगवान गणेश की कृपा भी प्राप्त होती है।

संकष्टी चतुर्थी पर न करें धन की बर्बादी

  • संकष्टी चतुर्थी के दिन किसी से भी वाद-विवाद या झगड़ा करने से बचें। 
  • सुबह की पूजा के बाद दिन में भूल कर भी न सोए क्योंकि यह वर्जित माना गया है। साथ ही, दिनभर भगवान का ध्यान करें और धार्मिक कार्य करें।
  • बड़े-बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान करने से भगवान गणेश अप्रसन्न होते हैं। इसलिए इस दिन विशेष रूप उनका आधार और सम्मान करें। 
  • संकष्टी चतुर्थी के दिन अनावश्यक खर्चों से बचें। क्योंकि धन की बर्बादी या गलत कार्यों में उपयोग करने से मां लक्ष्मी अप्रसन्न हो सकती हैं। 

........................................................................................................
कीर्तन रचो है म्हारे आंगने(Kirtan Racho Hai Mhare Angane)

कीर्तन रचो है म्हारे आंगने,
आओ-आओ गौरा जी रा लाल,

लौट के आजा नंद के दुलारे(Laut Ke Aaja Nand Ke Dulare)

लौट के आजा नंद के दुलारे,
उम्मीद लगाए,

सुनो सुनो एक कहानी सुनो

सुनो सुनो, सुनो सुनो
सुनो सुनो एक कहानी सुनो
सुनो सुनो एक कहानी सुनो

आरती पुराण जी की (Aarti Puran Ji Ki)

आरती अतिपावन पुराण की,
धर्म भक्ति विज्ञान खान की,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।