Swaminarayan Jayanti 2025: अप्रैल में कब है स्वामीनारायण जयंती? जानें पूजा विधि और महत्व
स्वामीनारायण जयंती हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान स्वामीनारायण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उनके अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र होता है, जब वे विशेष पूजा-अर्चना, उपवास, भक्ति-संगीत के माध्यम से प्रभु की आराधना करते हैं। 2025 में यह शुभ दिन 06 अप्रैल, रविवार को आएगा, जो राम नवमी के साथ संयोग में होगा। इस अवसर पर स्वामीनारायण मंदिरों में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और भक्तों के बीच विशेष उत्साह देखा जाता है।
रामनवमी के दिन जन्मे थे स्वामीनारायण
स्वामीनारायण संप्रदाय के अनुयायियों के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। भगवान स्वामीनारायण का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था, इसलिए हर वर्ष यह तिथि उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। 2025 में स्वामीनारायण जयंती 06 अप्रैल, रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन राम नवमी भी पड़ रही है, जिससे यह दिन और अधिक पवित्र और शुभ माना जा रहा है। देश-विदेश के स्वामीनारायण मंदिरों में विशेष आरती, प्रवचन और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाएगा।
स्वामीनारायण जयंती की पूजा विधि
स्वामीनारायण जयंती के दिन भक्त विशेष पूजा-विधि का पालन करते हैं। इस दिन की पूजा इस प्रकार करें:
- ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- भगवान स्वामीनारायण की मूर्ति या चित्र को स्नान कराएं और उन्हें सुंदर वस्त्र और आभूषण पहनाएं।
- पूजा स्थल को स्वच्छ करें और वहां दीपक जलाएं।
- भगवान को चावल, कुमकुम, तुलसी पत्र, फल और मिठाइयों का भोग अर्पित करें।
- स्वामीनारायण मंत्रों का जाप करें और भजन-कीर्तन करें।
- इस दिन व्रत रखना शुभ माना जाता है। भक्त फलाहार कर सकते हैं और दिनभर भक्ति में लीन रहते हैं।
- पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद वितरित करें और जरूरतमंदों की सहायता करें।
स्वामीनारायण जयंती का महत्व
भगवान स्वामीनारायण केवल एक धार्मिक गुरु नहीं थे, बल्कि एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने समाज में कई सुधार किए, जिनमें नारी शिक्षा, नशा मुक्ति और धर्म का प्रचार प्रमुख थे। उन्होंने सत्य, अहिंसा और करुणा के सिद्धांतों पर जोर दिया। महिलाओं की शिक्षा और उनके अधिकारों के लिए काम किया। समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए अनेक सुधार किए। अपने अनुयायियों को सेवा, भक्ति और संयम का मार्ग अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने गुजरात और अन्य राज्यों में स्वामीनारायण मंदिरों की स्थापना की, जो आज भी उनकी शिक्षाओं का प्रचार कर रहे हैं।
स्वामीनारायण संप्रदाय और इस दिन के विशेष आयोजन
स्वामीनारायण संप्रदाय के अनुयायी इस दिन विशेष आयोजन करते हैं,मंदिरों में विशेष आरती और हवन किया जाता है। भक्त स्वामीनारायण के जीवन और उपदेशों पर प्रवचन सुनते हैं। भजन-कीर्तन और सत्संग का आयोजन किया जाता है। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और दान दिया जाता है। इस दिन कई लोग अखंड पाठ और सामूहिक भजन-कीर्तन में भाग लेते हैं।
जून 2025 में ग्रह-नक्षत्रों की अनुकूल स्थिति और पंचांग के अनुसार कई ऐसे दिन और समय हैं जो विभिन्न कार्यों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। अगर आप जून के महीने में किसी भी तरह का नया कार्य आरंभ करने की सोच रहे हैं, तो इन शुभ मुहूर्तों को जरूर ध्यान में रखें।
हिंदू धर्म में शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित माना गया है। इस दिन भक्त शनिदेव की विधिपूर्वक पूजा करते हैं और शनि मंदिर में जाकर उन्हें तेल अर्पित करते हैं।
हिंदू धर्म में प्रत्येक रविवार को भगवान सूर्य देव की पूजा की जाती है। ये दिन बिगड़े कामों को बनाने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए। साथ ही जल चढ़ाना चाहिए।
हिंदू धर्म में सोमवार का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। शिव जी को महादेव, शंकर और भोलेनाथ जैसे कई नामों से जाना जाता है।